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लखनऊ- किसान हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हà¥à¤¯à¥‡ नेता पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤•à¥à¤·
और पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अखिलेश यादव ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को कहा कि चाल,चरितà¥à¤° और चेहरे
का दावा करने वाली à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ (à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾) की पहचान नफरत,à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°,बेरोजगारी और
महंगाई बन चà¥à¤•à¥€ है।
मानसून सतà¥à¤° के अंतिम दिन शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को विधानसà¤à¤¾ में शà¥à¤°à¥€ यादव ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°
पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ को वरà¥à¤· 2027 तक à¤à¤• टà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¨ डालर की इकोनॉमी बनाने
का दावा करने वाली à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ (à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾) सरकार के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में किसान परेशान
है। बाढ़ और सूखे ने फसलों को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर दिया है वहीं पेटà¥à¤°à¥‹à¤² डीजल समेत अनà¥à¤¯
वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पर महंगाई की मार पड़ रही है। साड़ और जंगली जानवरों की दहशत की वजह से
किसान खेतों में जाने से डर रहा है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤• साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° में दावा करते हैं कि
इंफà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤•à¥à¤šà¤°, à¤à¤¯à¤°à¤µà¥‡à¤œ, à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤µà¥‡à¤œ,वाटरवेज और मलà¥à¤Ÿà¥€
मॉडल टà¥à¤°à¤¾à¤‚सपोरà¥à¤Ÿ सिसà¥à¤Ÿà¤® के जरिये वे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ को à¤à¤• टà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¨ डालर की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾
बनायेंगे मगर किसान और कृषि के बगैर यह काम कैसे मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ है। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ कहावत है “ चैरिटी बिगिंस
होम’ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ से पूछना चाहूंगा कि फà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ
कॉरिडोर गोरखपà¥à¤° होकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं जा रहा है। गोरखपà¥à¤° के लोग जलà¤à¤°à¤¾à¤µ की समसà¥à¤¯à¤¾ से
तà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हैं। जो मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ साढे छह साल में अपने ही शहर को दà¥à¤°à¥‚सà¥à¤¤ नहीं कर पाये
वे दूसरों का घर कैसे ठीक करेंगे।
शà¥à¤°à¥€ यादव ने कहा “ पिछले साढे छह
साल में किसानो के लिये à¤à¤• à¤à¥€ नयी मंडी का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं हà¥à¤†à¥¤ आलू किसान बरबाद हो
गया। मकà¥à¤•à¤¾ की फसल सड़ गयी। गनà¥à¤¨à¤¾ मूलà¥à¤¯ का à¤à¥à¤—तान अà¤à¥€ तक नहीं हà¥à¤† है। धान की नयी
नरà¥à¤¸à¤°à¥€ की कà¥à¤¯à¤¾ तैयारी है। सरकार किस तरह से किसानो की मदद कर रही है। आलू का
कितना निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ हà¥à¤†,चावल का निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ कब से बंद है। रही बात
टमाटर की, तो उसने तो सरकार का चेहरा लाल कर दिया
है। टमाटर की कीमतों पर सरकार को जगाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने वाले दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° और उसके पिता
को जेल में डाल दिया गया। à¤à¤• टà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¨ डालर की इकोनॉमी का सपना दिखाने वाले टमाटर
का ठेला लगा रहे हैं।â€
उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि मौजूदा सरकार के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में डेयरी सेकà¥à¤Ÿà¤° की हालत बेहद खराब
है। सपा सरकार के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में लगे डेयरी पà¥à¤²à¤¾à¤‚ट बजट नहीं होने से बंद पड़े हैं।
आवारा जानवरों की समसà¥à¤¯à¤¾ पर शà¥à¤°à¥€ यादव ने कहा कि सांड के हमलों में आये दिन
लोगों की जान जा रही हैं। सड़कों पर निकलना दà¥à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤° हो गया है वहीं लखीमपà¥à¤°,पीलीà¤à¥€à¤¤,बिजनौर समेत
तमाम इलाकों में वनà¥à¤¯ जीवों की दहशत के कारण किसान खेती किसानी बंद किये हैं।
किसानो को खेतों में जाने से डर लग रहा है। पीलीà¤à¥€à¤¤ में 40
से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ की जान वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µà¥‹à¤‚ के हमले में गयी हैं।
इटावा में लायन सफारी का जिकà¥à¤° करते हà¥à¤¯à¥‡ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि लायन सफारी में हाल ही
में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की अनदेखी से चार नवजात शावकों की मौत हो गयी। चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ ने आगाह à¤à¥€
कर दिया था मगर उसके बावजूद कोई धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया गया। इटावा सफारी विशà¥à¤µ मानचितà¥à¤°
में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ को नयी पहचान दे सकता है मगर सरकार इसकी अनदेखी कर रही है। अचà¥à¤›à¤¾
होता कि लायन सफारी की तरह सरकार साड सफारी बना देती जिससे कम से कम सांडो के
हमलों से लोगों बच जाते।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि à¤à¤• तरफ तो सरकार कांवडियों के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में सरकारी हेलीकापà¥à¤Ÿà¤° से
पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर रही है तो दूसरी तरफ जान गंवाने वाले कांवडियों के आशà¥à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ की कोई
मदद नहीं कर रही है। उनकी मांग है कि सरकार कांवड यातà¥à¤°à¤¾ और ताजिया के दौरान जान
गंवाने वाले लोगों के आशà¥à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤• à¤à¤• करोड़़ की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• मदद और सरकारी नौकरी
उपलबà¥à¤§ कराये।
नेता पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤•à¥à¤· ने कहा कि राजà¥à¤¯ में बिजली की हालत बदतर है। सरकार ने अपने अब
तक के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में बिजली की कोई नयी परियोजना का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नही कराया है।
टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफारà¥à¤®à¤° और जरà¥à¤œà¤° तारों की वजह से बिजली की समसà¥à¤¯à¤¾ जटिल हो चà¥à¤•à¥€ है। पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€
उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में बाढ तो अनà¥à¤¯ इलाकों में सूखे की समसà¥à¤¯à¤¾ से किसान बेहाल है।
असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ की हालत खराब है। सरकारी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² बगैर चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ के सूने पडे है।
इमरजेंसी वारà¥à¤¡ पर कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का खौफ है। दवाइयों और डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ की कमी से मरीज बेहाल
है।
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