à¤à¤• शानदार और जानदार पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का अंत.
आदरणीय विनोद दà¥à¤† जी से मेरी मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ à¤à¤• खास पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® दूरदरà¥à¤¶à¤¨ के उनके जाने-माने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® "परख" में हà¥à¤ˆ थी। जहां लंबे समय तक उनके साथ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ सीखने का मौका मिला। उनका पà¥à¤¯à¤¾à¤° मà¥à¤à¥‡ लगातार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता रहा! उनसे जब à¤à¥€ मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ होती थी तो हमेशा पà¥à¤¯à¤¾à¤° करते थे और कहते थे चौधरी जी आप कैसे हैं?हमेशा अपने कारà¥à¤¯ पे फ़ोकस रखे कामयाबी ऊपर वाले जरूर देगा।मेरी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ आपके साथ हैं। सर का à¤à¤• पंकà¥à¤¤à¤¿ हमेशा याद रहेगा "जब तक मैं जिंदा हूठपतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ को à¤à¥à¤•à¤¨à¥‡ नहीं दूà¤à¤—ा।वासà¥à¤¤à¤µ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का मूल तो वह आतà¥à¤®à¤¾ है जो अजनà¥à¤®à¤¾ है तथा अनंत है जिसके जनà¥à¤® की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• तिथि का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ असंà¤à¤µ है।परंतॠजब चिंतन और गतिमान होता तो हर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ इस रूप में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होता कि उसके मूल में समाहित आतà¥à¤®à¤¾ पूरà¥à¤£ होकर à¤à¥€ सदैव पूरà¥à¤£ की ओर ही गतिमान है और जीवन रूपी यातà¥à¤°à¤¾ का लकà¥à¤·à¥à¤¯ संà¤à¤µà¤¤à¤ƒ उसी पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ को पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना है जहाठसे उसकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है।
जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन के उस लकà¥à¤·à¥à¤¯ को जान जाता है, उसकी यातà¥à¤°à¤¾ में उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की साथरà¥à¤•à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ होने लगता है।जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ à¤à¤• अवसर है समीकà¥à¤·à¤¾ का कि जीवन के वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• वांछित लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ तक यातà¥à¤°à¤¾ कहाठतक पहà¥à¤à¤šà¥€ है और कहीं दिशाà¤à¥à¤°à¤® तो नहीं हो रहा है और यदि हो à¤à¥€ रहा है तो à¤à¤²à¤¾ उसमें सà¥à¤§à¤¾à¤° कैसे किया जाय। विनोद दà¥à¤† जी सही पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का ज़िंदा मिशाल थे।
दà¥à¤† जी का दूरदरà¥à¤¶à¤¨ यानि सरकारी चैनल पर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होने के बावजूद तमाम नेताओं और मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से कड़वे सवाल पूछने वाले तेवरों को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ नहीं छोड़ा। à¤à¤²à¥‡ ही उनको दूरदरà¥à¤¶à¤¨ छोड़ना पड़ा हो। आज के तथाकथित पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤‚ति सतà¥à¤¤à¤¾ की जी हà¥à¤œà¥‚री ना करके, सतà¥à¤¤à¤¾à¤¶à¥€à¤¨à¥‹à¤‚ से सदैव कड़े सवाल पूछते रहे....
मेरा मानना है कि पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान à¤à¤µà¤‚ नागरिको के अधिकारों और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के सरोकार का जीवंत उदाहरण थे। विनोद दà¥à¤† जी तमाम पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जगत के दिलोदिमाग में सदैव विराजमान रहेगें।
दà¥à¤ƒà¤–ी मन और नम आंखों से आपको विनमà¥à¤° शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि!