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नयी दिलà¥à¤²à¥€- उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जगदीप धनखड़ और केंदà¥à¤°à¥€à¤¯
कानून मंतà¥à¤°à¥€ किरेन रिजिजू की नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिà¤
कॉलेजियम पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पर टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ के खिलाफ दायर à¤à¤• याचिका सोमवार को खारिज कर दी। नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ संजय किशन कौल और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ अहसानà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ अमानà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ की पीठने
याचिकाकरà¥à¤¤à¤¾ बॉमà¥à¤¬à¥‡ लॉयरà¥à¤¸ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ की याचिका खारिज करते हà¥à¤ कहा कि उसका (शीरà¥à¤·
अदालत का) मानना ​​है कि इस मामले में उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण सही है।
पीठने याचिकाकरà¥à¤¤à¤¾ की जनहित याचिका खारिज करने के उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के फैसले को
चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देने पर (वकील से) कहा,“यह कà¥à¤¯à¤¾ है? आप यहां कà¥à¤¯à¥‹à¤‚
आठहैं।â€
शीरà¥à¤· अदालत ने कहा कि यदि किसी पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•रण ने अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ बयान दिया है तो शीरà¥à¤·
अदालत के पास इससे निपटने के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण है।
वकीलों के संगठन ने शà¥à¤°à¥€ धनखड़ और शà¥à¤°à¥€ रिजिजू के बयान के खिलाफ दायर उनकी
जनहित याचिका खारिज करने के उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• फरवरी के फैसले को शीरà¥à¤· अदालत
में चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी।
याचिका में à¤à¤• घोषणा की करने की गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगाई गई थी कि दोनों अपने वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, आचरण और
सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• रूप से किठगठबयानों के आधार पर उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ और केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤‚डल
के सदसà¥à¤¯ तौर पर संवैधानिक पदों पर रहने के लिठअयोगà¥à¤¯ हैं।
याचिकाकरà¥à¤¤à¤¾ ने दावा किया कि शà¥à¤°à¥€ धनखड़ और शà¥à¤°à¥€ रिजिजू ने अपनी टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और
आचरण से संविधान में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की कमी दिखाई।
उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने शà¥à¤°à¥€ धनखड़ और शà¥à¤°à¥€ रिजिजू के खिलाफ उनके बयानों के पर
कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ की याचिका को खारिज करते हà¥à¤, कहा था,“à¤à¤¾à¤°à¤¤ के शीरà¥à¤· नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯à¤¤à¤¾
बहà¥à¤¤ अधिक है। इसे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बयानों से मिटाया या पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ नहीं किया जा सकता
है।â€
उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने अपने फैसले में कहा था,“याचिकाकरà¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤à¤¾à¤ गठतरीके से
संवैधानिक पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारों को हटाया नहीं जा सकता है। फैसले की निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· आलोचना की
अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान का पालन करना पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिक का
मौलिक करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। कानून की महिमा का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ किया जाना चाहिà¤à¥¤â€
अदालत ने इस तथà¥à¤¯ पर à¤à¥€ गौर किया कि शà¥à¤°à¥€ धनखड़ और शà¥à¤°à¥€ रिजिजू दोनों ने अपने
बयानों में कहा था कि सरकार ने नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा के अधिकार को कà¤à¥€ कम नहीं किया है और
इसकी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ हमेशा अछूती रहेगी।
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