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नयी दिलà¥à¤²à¥€- लेखिका à¤à¤µà¤‚
किसà¥à¤¸à¤¾à¤—ो मालविका जोशी ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ कला ‘थेवा’ पर बनाई गई
फिलà¥à¤® की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करते हà¥à¤ कहा कि कला और संसà¥à¤•ृति के संरकà¥à¤·à¤£ में महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£
à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ वाली अनोखी कला ‘थेवा’ जैसी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚
का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° करना जरूरी है। जिसकी अनोखी कला से लोग रूबरू हो सकें। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯
राजधानी में आज आईजीà¤à¤¨à¤¸à¥€à¤ के मीडिया सेंटर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ‘फिलà¥à¤® कà¥à¤²à¤¬â€™ के अंतरà¥à¤—त ‘थेवा’ फिलà¥à¤® की
सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग का आयोजन किया गया। फिलà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के बाद निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤•ा शिवानी पांडेय
ने फिलà¥à¤® के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की कहानी को दरà¥à¤¶à¤•ों के साथ साà¤à¤¾ किया।
सेंसर बोरà¥à¤¡ के
पूरà¥à¤µ सदसà¥à¤¯ अतà¥à¤² गंगवार ने कहा,“ ‘थेवा’ जैसे चलचितà¥à¤°
ही हमारी संसà¥à¤•ृति और कला को जीवंत बनाठहà¥à¤ हैं। अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की संसà¥à¤•ृति को à¤à¥€
चलचितà¥à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से जनता के सामने लाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जाना चाहिà¤, जिससे हमारे
देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की कला और संसà¥à¤•ृति की जानकारी अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€
हो सके।â€
इस मौके पर
किसान नेता नरेश सिरोही, आईजीà¤à¤¨à¤¸à¥€à¤ के मीडिया सेंटर के
नियंतà¥à¤°à¤• अनà¥à¤°à¤¾à¤— पà¥à¤¨à¥‡à¤ ा, उप नियंतà¥à¤°à¤• शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ नागपाल, फिलà¥à¤® के सहायक
निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• अनिल पांडेय और उमेश पाठक आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।
उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है
कि राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के छोटे-से कसà¥à¤¬à¥‡ की अनूठी कला ‘थेवा’ सोने की महीन
चादरों को रंगीन कांच पर जोड़कर छोटे उपकरणों की मदद से सोने पर डिजाइन तैयार किया
जाता है। यह आà¤à¥‚षण कला à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सदियों से पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। इसकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के
पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—ढ़ से हà¥à¤ˆ है। इस कला में अब पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—ढ़ के मातà¥à¤° 12 परिवार लगे हà¥à¤
हैं। इसी हà¥à¤¨à¤° पर आधारित फिलà¥à¤® ‘थेवा’ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨
किया गया, जिसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ आईजीà¤à¤¨à¤¸à¥€à¤ और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ शिवानी पांडेय ने किया
है। निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤•ा शिवानी पांडेय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ इस फिलà¥à¤® में उन गà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤® कलाकारों
को दिखाया गया है, जो रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ तरीके से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ इस कला को जीवित रखे हà¥à¤ हैं।
गौरतलब है कि
कला और संसà¥à¤•ृति के संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ संवरà¥à¤§à¤¨ के महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से आईजीà¤à¤¨à¤¸à¥€à¤
à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ निरंतर करता आ रहा है।
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