|
नयी दिलà¥à¤²à¥€- कृषि मंतà¥à¤°à¥€
नरेंदà¥à¤° सिंह तोमर ने गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को किसानों और अनà¥à¤¯ हितधारकों के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ के लिà¤
सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• डोमेन में फसल विशिषà¥à¤Ÿ डà¥à¤°à¥‹à¤¨ के साथ कीटनाशकों के अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के लिठमानक
पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤²à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ (à¤à¤¸à¤“पी) जारी की।
तोमर ने ‘मिलेट उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨, पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•रण और
मूलà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ के लिठमशीनरी’ नामक à¤à¤•
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा का à¤à¥€ विमोचन किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि कृषि हमारी पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ है, इसलिठचाहे
रिसरà¥à¤š का काम हो या योजनाओं के सृजन का, सरकार की पहली
पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता कृषि को बढ़ावा देने और किसानों की माली हालत में सà¥à¤§à¤¾à¤° की रहती है। आज
कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अनेक चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं। किसानों को खेती में रोकना, नयी पीढ़ी को à¤à¥€
आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करना और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ लागत कम करके किसानों का मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ बढ़ाना है। इनके लिठकृषि
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में तकनीक का समरà¥à¤¥à¤¨ बहà¥à¤¤ जरूरी हैं, सरकार इस दिशा
में सतत पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ है।
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में नित-नयी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚
रहती हैं, इसलिठसमय-समय पर सोच में बदलाव के साथ
ही विधाओं का परिवरà¥à¤¤à¤¨ जरूरी है। कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की बात करें, तो आने वाले कल
में तकनीक का समरà¥à¤¥à¤¨ किठबिना हम उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं कर पाà¤à¤‚गे, इसलिठयोजनाओं
को तकनीक से जोड़ने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जा रहा है। बड़ी योजनाओं की बात करें तो आज
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ किसान समà¥à¤®à¤¾à¤¨ निधि के तहत करीब ढाई लाख करोड़ रà¥à¤ªà¤. किसानों के खातों
में पहà¥à¤‚च चà¥à¤•े हैं, जिसमें कोई पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤šà¤¿à¤¹à¥à¤¨ नहीं है।
सूकà¥à¤·à¥à¤® सिंचाई परियोजना के à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ परिणाम आ रहे हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक खेती जैसे
विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश ने नैनो यूरिया बनाया, नैनो डीà¤à¤ªà¥€ आने
वाला है। डà¥à¤°à¥‹à¤¨ टेकà¥à¤¨à¤¾à¤²à¥‰à¤œà¥€ को सरकार ने कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤µà¥€à¤•ार किया है। पिछली
बार जब टिडà¥à¤¡à¥€ का पà¥à¤°à¤•ोप हà¥à¤† था तो उस समय डà¥à¤°à¥‹à¤¨ के उपयोग की जरूरत महसूस की गई थी, तà¤à¥€ से
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में केंदà¥à¤° सरकार के पूरे समरà¥à¤¥à¤¨ के साथ डà¥à¤°à¥‹à¤¨ तकनीक
हमारे सामने है। कृषि में लागत कम करने और कीटनाशकों के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से शरीर को
बचाने में किसान डà¥à¤°à¥‹à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• लाठमिलेगा।
तोमर ने कहा, “ जब à¤à¥€ हम कोई नया काम करते हैं तो हमें
इस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि अंतिम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तक मदद अवशà¥à¤¯ पहà¥à¤‚चे। यही कारण है कि
जब डà¥à¤°à¥‹à¤¨ की सà¥à¤•ीम बन रही थी, तब सामानà¥à¤¯
किसान, सामानà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ को à¤à¥€ इसमें जोड़ा गया, ताकि डà¥à¤°à¥‹à¤¨ का
उपयोग छोटे किसानों तक सà¥à¤²à¤ हो सकें। इस दिशा में सà¤à¥€ को मिलकर आगे और à¤à¥€ काम करने
की जरूरत है। इसके लिठकृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ (केवीके) को और सकà¥à¤·à¤® बनाने की
दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ कारà¥à¤¯ करने की जरूरत पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जोर दिया और कहा कि
सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•-सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•ोतà¥à¤¤à¤° कृषि विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठजागरà¥à¤•ता-सतà¥à¤° कृषि
विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚-महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में आयोजित किठजाने चाहिà¤, जिनसे इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚
रोजगार का सीधा साधन मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ हो सकेगा, वहीं उनकी अपनी
à¤à¥‚मि होने पर वे खेती के लिठà¤à¥€ समरà¥à¤¥ होंगे। आम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तक डà¥à¤°à¥‹à¤¨ का लाठपहà¥à¤‚चे, इसकी योजना
बनाना चाहिà¤à¥¤
|