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नयी दिलà¥à¤²à¥€ - राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ ने सोमवार को यहां राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पंचायत पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार
पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किठऔर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पंचायत पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ ने इस अवसर पर कहा कि पिछले कà¥à¤› दशकों में
तेजी से हà¥à¤ शहरीकरण के बावजूद, अधिकांश आबादी अब à¤à¥€ गांवों में रहती है। शहरों में रहने वाले लोग à¤à¥€ किसी न
किसी रूप में गांवों से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं। गांवों के विकास से देश की समगà¥à¤° पà¥à¤°à¤—ति हो
सकती है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ को यह तय करने में सकà¥à¤·à¤® होना
चाहिठकि गांव के विकास के लिठकौन-सा मॉडल उपयà¥à¤•à¥à¤¤ है और इसे कैसे लागू किया जाना
चाहिà¤à¥¤ पंचायतें न केवल सरकारी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ और योजनाओं को लागू करने का माधà¥à¤¯à¤® हैं, बलà¥à¤•ि नेतृतà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने
वाले नठलोगों, योजनाकारों, नीति-निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं और नवोनà¥à¤®à¥‡à¤·à¤•ों को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥€ हैं। à¤à¤•
पंचायत के सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® तौर-तरीकों को दूसरी पंचायतों में अपनाकर हम तेजी से विकास कर
सकते हैं और अपने गांवों को समृदà¥à¤§ बना सकते हैं।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि समाज के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की à¤à¤¾à¤—ीदारी
सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठहर पांच साल में पंचायत पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨
है हालांकि, देखा जाता है कि ये चà¥à¤¨à¤¾à¤µ कई बार लोगों के बीच कड़वाहट à¤à¥€ पैदा कर देते हैं।
चà¥à¤¨à¤¾à¤µ को लेकर गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ में आपसी कलह न हो, इस बात को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ पंचायत
चà¥à¤¨à¤¾à¤µ को राजनीतिक दलों से अलग रखा गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जिस समाज में लोगों के
बीच आपसी सहयोग और विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ होता है, वह अधिक फलता-फूलता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि
गांव, परिवार का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° होता है। जहां तक संà¤à¤µ हो, सà¤à¥€ सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ आपसी सहमति के आधार
पर किठजाने चाहिà¤à¥¤
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ ने कहा कि किसी à¤à¥€ समाज के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास
के लिठमहिलाओं की à¤à¤¾à¤—ीदारी बहà¥à¤¤ जरूरी है। महिलाओं को अपने लिà¤, अपने परिवार के लिठऔर समाज
के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठनिरà¥à¤£à¤¯ लेने का अधिकार होना चाहिà¤à¥¤ परिवार और गà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¤à¤° पर उनके
सशकà¥à¤¤à¥€à¤•रण के माधà¥à¤¯à¤® से इस अधिकार को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यह
खà¥à¤¶à¥€ की बात है कि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ निकायों के 31.5 लाख से अधिक निरà¥à¤µà¤¾à¤šà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में
से 46 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ महिलाà¤à¤‚ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महिलाओं से गà¥à¤°à¤¾à¤® पंचायतों के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में
सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से à¤à¤¾à¤— लेने का आगà¥à¤°à¤¹ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उनके परिवारों से à¤à¥€ इन पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚
में उनका साथ देने की अपील की।
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