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उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “मैं इस देश के राजनीतिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से अपील करता हूं‌ कि लोगों की समठको कà¤à¥€ कम मत आंकिà¤à¥¤ वे सब जानते हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है, वे बहà¥à¤¤ समà¤à¤¦à¤¾à¤° हैं।â€
नयी दिलà¥à¤²à¥€- उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿
जगदीप धनखड़ ने संसद में सामानà¥à¤¯ कामकाज नहीं होने पर कड़ी चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤
आज कहा कि राजनीतिक दलों को आम जनता की समठको कम नहीं आंकना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¥€ धनखड़ ने बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोक पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में डॉ राजेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤®à¤¾à¤²à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि संसद पर à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•म धन खरà¥à¤š
होता है और उसे जिस काम के लिठनियत किया गया है, वह उस काम को नहीं कर पा रही है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि राजनीतिक दलों को आम जनता की समठको कम नहीं आंकना चाहिà¤à¥¤ यह जनता
सब कà¥à¤› जानती हैं और पहचानती है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “मैं इस देश के
राजनीतिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से अपील करता हूं‌ कि लोगों की समठको कà¤à¥€ कम मत आंकिà¤à¥¤ वे सब
जानते हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है, वे बहà¥à¤¤ समà¤à¤¦à¤¾à¤°
हैं।â€
गौरतलब है कि संसद के बजट सतà¥à¤° के दूसरे चरण में सतà¥à¤¤à¤¾ पकà¥à¤· और विपकà¥à¤· के बीच
कई मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को लेकर गतिरोध बना हà¥à¤† है और अà¤à¥€ तक सामानà¥à¤¯ कामकाज संà¤à¤µ नहीं हो पाया
है।
शà¥à¤°à¥€ धनखड़ ने कहा कि संसद में कामकाज नहीं होने के लिठसरकार को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°
नहीं ठहराया जा सकता। जनपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपना करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¤²à¥‡ à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤‚ति पूरà¥à¤£ करना
चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठसंसद से बड़ी अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की
सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का कोई दूसरा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं हो सकता। इसी कारण से सांसदों को दीवानी और
आपराधिक कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ से छूट पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जाती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यह अनिवारà¥à¤¯ है कि
विधानमंडल के सदसà¥à¤¯ अपने विधायी दायितà¥à¤µà¥‹à¤‚ और पारà¥à¤Ÿà¥€ बाधà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के बीच अंतर करें।
राजनीतिक रणनीति के रूप में लंबे समय तक वà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨ और गड़बड़ी की सराहना नहीं की जा
सकती। यह लोकतंतà¥à¤° के विपरीत है और जो हमारे लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को कमजोर करता है, वह राजनीतिक
रणनीति कैसे हो सकती है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमारे विधायी निकायों को नेतृतà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤, सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• नीति
के लिठवैचारिक रूपरेखा निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करनी चाहिठऔर समाज के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठलोक
पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ लोकतंतà¥à¤° के मंदिर - विधानमंडलों में, जहां बहस मà¥à¤–à¥à¤¯
होनी चाहिà¤, अगर वे वà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨, अशांति हैं, तो आसपास के लोग
खालीपन को à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठहोंगे। यह लोकतंतà¥à¤° के लिठà¤à¤• खतरनाक पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होगी।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने डॉ राजेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ की à¤à¤• उकà¥à¤¤à¤¿-
“à¤à¤• मशीन की तरह à¤à¤• संविधान à¤à¤• बेजान चीज है। यह उन लोगों के कारण जीवन पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤
करता है जो इसे नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते हैं और इसे संचालित करते हैं, और à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आज
ईमानदार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¤• समूह से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤› नहीं चाहिठजो उनके सामने देश का हित
रखेंगे।â€- का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते
हà¥à¤ कहा कि हमें अपनी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के इस अमृत काल में राजेंदà¥à¤° बाबू की गंà¤à¥€à¤°
टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि में à¤à¤• ईमानदार मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन करना चाहिà¤à¥¤
उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के तीनों अंग संविधान से वैधता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते
हैं। यह उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जाती है कि ये तीनों अंग संविधान की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤
संवैधानिक उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठà¤à¤• सहयोगी तालमेल विकसित
करेंगे।संवैधानिक शासन तीन अंगों के बीच सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ परसà¥à¤ªà¤° कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में गतिशील संतà¥à¤²à¤¨
पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के बारे में है।विधायिका, कारà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा के बीच
हमेशा मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ रहेंगे, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम
गतिशील समय में हैं। लेकिन इन सà¤à¥€ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को à¤à¤• सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ तरीके से संविधान की
à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ निपटाया जाना चाहिà¤à¥¤ इसके लिठटकराव नहीं होना चाहिà¤à¥¤
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• राजनीति मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से निरà¥à¤µà¤¾à¤šà¤¿à¤¤ विधायिका को
कानून बनाने की शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है जो लोगों की अपेकà¥à¤·à¤¾à¤“ं और आकांकà¥à¤·à¤¾à¤“ं को
दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “मैं कà¤à¥€ à¤à¥€
संदेह में नहीं रहा, न तो राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾
और न ही लोकसà¤à¤¾ सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• फैसले का विरोध कर सकती है, जो संसद का काम
नहीं है, यह नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा
का अननà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° है। इसी पà¥à¤°à¤•ार, कारà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•ा और
विधायिका के लिठकà¥à¤› विशेषाधिकार संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं। इन संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को अपने संबंधित
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का ईमानदारी से पालन करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। जनता के जनादेश की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾
उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤• वैध मंच पर परिलकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होता है, और मेरे अनà¥à¤¸à¤¾à¤°
यह अनà¥à¤²à¥à¤²à¤‚घनीय है।â€
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विधान संसद का विशेष विशेषाधिकार है और किसी अनà¥à¤¯ को इसका
विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£, मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन या
हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता नहीं है। विधायिका को कमजोर करने का कोई à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤•
ठीक नहीं होगा और नाजà¥à¤• संतà¥à¤²à¤¨ को बिगाड़ देगा।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ तंतà¥à¤° विकसित करने की जरूरत है जिसमें संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के
शीरà¥à¤· नेतृतà¥à¤µ आपस में विचार विमरà¥à¤¶ कर सकें। इससे देश के लिठबहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• सौहारà¥à¤¦
उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ आयोग का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा, “मैं, राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ के
सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ के रूप में आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ करता हूं कि इसका कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ किसी à¤à¥€ बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे का
आधार कानून बनाने में संसद की सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤šà¤¤à¤¾ होनी चाहिà¤à¥¤ इसका अरà¥à¤¥ जनता की
सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤šà¤¤à¤¾ है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ असाधारण गति से पà¥à¤°à¤—ति कर रहा है और लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤•
पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ मजबूत है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¸à¥‡ कà¥à¤› लोग हैं जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤—ति और
लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को पसंद नहीं करते हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोग सोशल मीडिया आदि पर सकà¥à¤°à¤¿à¤¯
है। à¤à¤¸à¥‡ लोगों से सतरà¥à¤• रहने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमारे कà¥à¤› अरबपति
उदà¥à¤¯à¥‹à¤—पति à¤à¤¸à¥‡ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में कंपनी सामाजिक उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ के अंतरà¥à¤—त धन देते हैं।
फिर यह संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ विरोधी सेमिनार आयोजित करते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤•
निरà¥à¤£à¤¯ को राजनीतिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से नहीं देखा जाना चाहिà¤à¥¤
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