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इसमें 13 लाख टन गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¹à¤¾à¤‰à¤¸ गैस (जीà¤à¤šà¤œà¥€) उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ कम करने और उरà¥à¤µà¤°à¤•ों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² घटाते हà¥à¤ पांच करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की बचत करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¥€ थी।
नयी दिलà¥à¤²à¥€- काउंसिल ऑन
à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€, इनवायरनमेंट à¤à¤‚ड
वॉटर (सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚) के à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ ‘रियूज ऑफ टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° इन इंडिया’ में खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ हà¥à¤†
है कि देश के अà¤à¥€ सिरà¥à¤« 10 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में ही वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट और
रियूज की नीतियां मौजूद हैं। इस अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में कहा गया है कि इनमें से अधिकांश
राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की नीतियों में वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के अंतिम उपयोगकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं के लिठकोई पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨
नहीं शामिल है, या फिर रियूज के
विशेष उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठगà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ मानकों को परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ नहीं किया गया है। देश में अगर चà¥à¤¨à¤¿à¤‚दा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° (उपचारित अपशिषà¥à¤Ÿ जल) की
बिकà¥à¤°à¥€ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हो तो 2025 में इसका बाजार मूलà¥à¤¯ 83 करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡
होगा, जो 2050 में 1.9 अरब रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पहà¥à¤‚च
जाà¤à¤—ा। यह जानकारी मंगलवार को जारी सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ ‘रियूज ऑफ
टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° इन इंडिया’ में दी गई है।
अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ सीवेज उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ और टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ के आधार पर, 2050 तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कà¥à¤²
वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° की मातà¥à¤°à¤¾ 35 अरब कà¥à¤¯à¥‚बिक मीटर से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है।
इसलिà¤, इसके रियूज
(पà¥à¤¨à¤°à¥à¤‰à¤ªà¤¯à¥‹à¤—) की अपार संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ मौजूद हैं। 2050 तक निकलने वाले वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट से
जितना पानी मिलेगा, उससे दिलà¥à¤²à¥€ से 26 गà¥à¤¨à¤¾ बड़े
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² की सिंचाई की जा सकती है।
सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ बताता है कि सिरà¥à¤« 2021 में निकलने वाले वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के रियूज में 2.8 करोड़ मीटà¥à¤°à¤¿à¤•
टन फल-सबà¥à¤œà¥€ उगाने और इससे 966 अरब रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ राजसà¥à¤µ पैदा करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ थी। इसके
अलावा, इसमें 13 लाख टन
गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¹à¤¾à¤‰à¤¸ गैस (जीà¤à¤šà¤œà¥€) उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ कम करने और उरà¥à¤µà¤°à¤•ों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² घटाते हà¥à¤ पांच
करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की बचत करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¥€ थी।
सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ के पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® लीड नितिन बसà¥à¤¸à¥€ ने कहा, “à¤à¤¾à¤°à¤¤ में
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ 1,486 कà¥à¤¯à¥‚बिक मीटर पानी उपलबà¥à¤§ है, जो इसे जल की
कमी वाला देश बनाता है। à¤à¤¸à¥‡ में टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° का रियूज बढ़ाने से ताजे जल के
संसाधनों पर दबाव घटाने में मदद मिलेगी और अनà¥à¤¯ लाठव सकारातà¥à¤®à¤• परिणाम सामने
आà¤à¤‚गे। टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° को सिरà¥à¤« सिंचाई कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में उपयोग करने में ही à¤à¤• बड़ी
बाजार संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ मौजूद है। हालांकि, इसके लिठवेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट और इसके रियूज को
बढ़ाने वाला à¤à¤• आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥à¤¯ मॉडल बनाना होगा। â€
देश में जल सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विषय है। सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ ने अपने विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ में
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ जल आयोग के आकलनों का उपयोग किया है, जो बताता है कि 2025 तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 15 पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नदी घाटियों में से 11 को पानी की कमी
का सामना करना पड़ेगा। इसलिठमांग-आपूरà¥à¤¤à¤¿ में मौजूद अंतर को à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठवैकलà¥à¤ªà¤¿à¤•
जल सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ को खोजना जरूरी है। केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नियंतà¥à¤°à¤£ बोरà¥à¤¡ (सीपीसीबी) के 2021 के आंकड़ों के
अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, à¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨
निकलने वाले कà¥à¤² सीवेज के 28 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हिसà¥à¤¸à¥‡ का टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट कर पाता है, बाकी अनà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤
वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° नदी जैसे ताजे जल सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ में चला जाता है।
सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ में रिसरà¥à¤š à¤à¤¨à¤¾à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ साइबा गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने कहा, “राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की
नीतियों में टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¥‡à¤¡ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ मानकों के पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ सिरà¥à¤« सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤
डिसà¥à¤šà¤¾à¤°à¥à¤œ मानकों तक ही सीमित हैं। सà¤à¥€ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में
वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रियूज के लिठवेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट के विशेष मानकों को
परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करना चाहिà¤à¥¤ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के रियूज की परियोजनाओं को सफलतापूरà¥à¤µà¤• लागू करने
के लिà¤, सà¤à¥€ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को
जनता के बीच à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ पैदा करने और उनके वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में बदलाव के लिठपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ जनसंपरà¥à¤•
योजनाà¤à¤‚ बनानी चाहिà¤à¥¤â€
सीईईडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में यह à¤à¥€ सà¥à¤à¤¾à¤µ दिया गया है कि वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के
जल संसाधनों का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¤¾ बनाना चाहिà¤, और इसे जल पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन की सà¤à¥€ नीतियों, योजनाओं व
विनियमों में शामिल करना चाहिà¤à¥¤ वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ डिसà¥à¤šà¤¾à¤°à¥à¤œ और रियूज, दोनों के लिठजल
गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ मानकों को अचà¥à¤›à¥€ तरह से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करने की जरूरत है। इसमें जोखिम को घटाने
के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण के साथ ही à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ समय पर समीकà¥à¤·à¤¾ करने की उचित वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करना à¤à¥€
जरूरी है। इसके अलावा, वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° के रियूज के लिठशहरी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯
निकायों की à¤à¥‚मिकाओं और उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ किया जाना
चाहिà¤à¥¤ शहरों के सà¥à¤¤à¤° पर वेसà¥à¤Ÿà¤µà¥‰à¤Ÿà¤° रियूज की दीरà¥à¤˜à¤•ालिक योजनाà¤à¤‚ बनाने और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚
लागू करने के लिà¤, शहरी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯
निकायों को सशकà¥à¤¤ बनाना à¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है।
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