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कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• मनॠसिंघवी ने गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को यहां पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा कि शà¥à¤°à¥€ गांधी के मामले में निचली अदालत का फैसला अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। यह गलत निरà¥à¤£à¤¯ है और कानूनी तरीके से इसका समरà¥à¤¥à¤¨ नहीं किया जा सकता है।
नयी दिलà¥à¤²à¥€- कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने कहा
है कि पारà¥à¤Ÿà¥€ नेता राहà¥à¤² गांधी को लेकर निचली अदालत का फैसला सही नहीं है और
कानूनी तरीके से इसमें गलतियां हैं इसलिठइसे उचà¥à¤š अदालत में चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी जाà¤à¤—ी। कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• मनॠसिंघवी ने
गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को यहां पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा कि शà¥à¤°à¥€ गांधी के
मामले में निचली अदालत का फैसला अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। यह गलत निरà¥à¤£à¤¯ है और कानूनी तरीके से
इसका समरà¥à¤¥à¤¨ नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ को विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि गलत
तरीके से आये इस मामले में सही निरà¥à¤£à¤¯ सामने आà¤à¤—ा।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा “शà¥à¤°à¥€ गांधी की नीति
हमेशा सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रही है। खà¥à¤²à¥‡ रूप से डराने, धमकाने, आवाज रोकने, à¤à¥‚ठे केस दरà¥à¤œ करने
की, उससे हमारी आवाज दबने वाली नहीं है। सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, राजनीतिक मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚
पर शà¥à¤°à¥€ गांधी लगातार बोलते ते रहेंगे और जनता की आवाज उठाते रहेंगे। यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ 2019 को कोलार में राहà¥à¤²
गांधी ने जो à¤à¤¾à¤·à¤£ दिया था उससे जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर यह निरà¥à¤£à¤¯ है। फैसला गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ की
अदालत का है और यह फैसला 70 पेज का है।â€
पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि मानहानि के विषय में
कानून का मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त है कि इसमें सबसे पहले सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ होनी चाहिà¤à¥¤ मानहानि का
मामला किस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के खिलाफ किस सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ से बनता है इसकी सबसे अहम à¤à¥‚मिका इस तरह
के मामलों में होती है। यदि मामला सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं है तो फिर मानहानि का मामला नहीं
बनता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ी
गलती तो यह है कि जिन लोगों के बारे में शà¥à¤°à¥€ गांधी ने बात कही है और जिसके आधार
पर मामला दरà¥à¤œ हà¥à¤† है उनमें से किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€ गांधी की कोई शिकायत ही
दरà¥à¤œ नहीं की गई है और à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में मामला बनता ही नहीं है।शà¥à¤°à¥€ सिंघवी ने कहा
कि इस फैसले को लेकर तीसरी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बात यह है कि शà¥à¤°à¥€ गांधी का à¤à¤¾à¤·à¤£ समाज के
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हित में था] जिसमें बेरोजगारी, जनहित तथा समाज के बड़े वरà¥à¤— के हित से
जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ था इसलिठउनके à¤à¤¾à¤·à¤£ में आये किसी शबà¥à¤¦ के आधार पर मानहानि का मामला नहीं
बनता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मामले में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾
नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह मामला लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक à¤à¤• मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ की अदालत में रहा है और उसी
दौरान इससे संबंधित याचिका उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में दरà¥à¤œ की गई थी। मामला याचिका के कारण
अटका हà¥à¤† था, लेकिन जब उस मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरण हà¥à¤† तो इस मामले को
अचानक उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से वापस ले लिया गया।
शà¥à¤°à¥€ सिंघवी ने कहा कि इस फैसले संबंधित
और à¤à¥€ पेचिदगियां हैं। उनका कहना था कि कि सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अधिकार
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के नियम 202 के तहत मामला गलत हो सकता है। मामला करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के कोलार का है
तो उस अधिकार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से बाहर का यह मामला नहीं बनता है। उनका कहना था कि यदि
मामला अदालत की कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ार (जूरिडिकà¥à¤¶à¤¨) से बाहर जाता है, तो यह गलत है
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मामला कोलार का मामला केरल में नहीं चल सकता है इसलिठइसमें देखना पड़ेगा
कि अदालत की सीमा में मामला आता है कि नहीं आता है। यदि नहीं आता है तो यह गलत है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस तरह के मामले में
परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जिरह होना आवशà¥à¤¯à¤• है और इस लिहाज से à¤à¥€ यह फैसला गलत है। इस मामले में
बहà¥à¤¤ जिरह हà¥à¤ˆ है और इस आधार पर à¤à¥€ इसे कानूनी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सही नहीं कहा जा सकता है।
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