समाचार ब्यूरो
20/03/2023  :  18:03 HH:MM
सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की स्वीकार्यता एक महत्वपूर्ण मुद्दा : यादव
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यादव ने सोमवार को पंजाब के अमृतसर में जी-20 की श्रम-20 समूह की प्रारंभिक बैठक में कहा कि हमें सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे कामगार इस तेजी से बदलते परिवेश में उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से युक्त हों।

नयी दिल्ली- केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सामाजिक सुरक्षा के लिए सामाजिक बीमा और सहायता योजनाओं को स्थायी रूप से एक साथ जोड़ने पर बल देते हुए कहा है कि विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए।

श्री यादव ने सोमवार को पंजाब के अमृतसर में जी-20 की श्रम-20 समूह की प्रारंभिक बैठक में कहा कि हमें सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे कामगार इस तेजी से बदलते परिवेश में उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से युक्त हों।
उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा और दुनिया भर में इसकी स्वीकार्यता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए सामाजिक बीमा और सामाजिक सहायता योजनाओं को स्थायी रूप से एक साथ जोड़ा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री के 'नारी शक्ति'' के दृष्टिकोण के अनुरूप श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर बल देते हुए श्री यादव ने कहा कि इससे समतामूलक, समावेशी और विकसित समाज का निर्माण होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जी-20 की मुख्य विषय वस्तु 'वसुधैव कुटुंबकम' एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य की अवधारणा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि जी-20 को निर्णायक और कार्रवाई उन्मुख बनाने का प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण हमें जी-20 बैठकों से ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रेरणा प्रदान करता है।
श्री यादव ने कहा कि वर्षों से, जी-20 और श्रम-20 बैठकों ने श्रम बाजार की चुनौतियों के मुद्दों को विभिन्न नीतिगत पहलों के माध्यम से हल करने का प्रयास किया है, जिन पर व्यापक रूप से सहमति हुई है। इसके अलावा, डिजिटल प्रौद्योगिकी के उद्भव और तकनीकी परिवर्तन के परिणामस्वरूप कार्य की दुनिया में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं, जिसमें रोजगार के नए रूपों का उदय, डिजिटलीकरण, गिग इकॉनमी, कौशल की कमी आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जी- 20 के अंतर्गत श्रम-20 ने सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा कोष की स्वीकार्यता , श्रम शक्ति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और कार्य के भविष्य जैसे बहुत से ठोस और प्रासंगिक विषयों को चुना है।






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