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वैदिक 78 वरà¥à¤· के थे और पूरी तरह सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ थे। उनके निजी सहायक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वह सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—ृह गये और अचानक वहीं गिर गये।
नयी दिलà¥à¤²à¥€- जाने-माने पतà¥à¤°à¤•ार, लेखक à¤à¤µà¤‚ हिंदी
सेवी वेद पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक का मंगलवार को राजधानी से सटे हरियाणा के गà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤¿à¤¤
आवास पर निधन हो गया। उनका अंतिम संसà¥à¤•ार बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को दिलà¥à¤²à¥€ के लोधी रोड शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ गृह
में किया जायेगा। शà¥à¤°à¥€ वैदिक 78 वरà¥à¤· के थे और पूरी तरह सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ थे। उनके निजी सहायक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वह सà¥à¤¬à¤¹
सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—ृह गये और अचानक वहीं गिर गये। संà¤à¤µà¤¤: उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिल का दौरा पड़ा था। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚
सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤—ृह का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया और तà¥à¤°à¤‚त असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाया गया जहां, डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मृत घोषित कर दिया।
शà¥à¤°à¥€ वैदिक का
जनà¥à¤® 30 दिसंबर 1944 को मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के इंदौर में हà¥à¤† था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दिलà¥à¤²à¥€ केे जवाहरलाल नेहरू
विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजनीति में डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥‡à¤Ÿ की उपाधि हासिल की थी।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने करीब चार साल तक दिलà¥à¤²à¥€ में राजनीति शासà¥à¤¤à¥à¤° का अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ à¤à¥€ किया। उनकी
रà¥à¤šà¤¿ दरà¥à¤¶à¤¨à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° और राजनीतिशासà¥à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ थी। राजेनà¥à¤¦à¥à¤° माथà¥à¤°, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤· जोशी की पीढ़ी की आखिरी हसà¥à¤¤à¥€ रहे शà¥à¤°à¥€ वैदिक विदेश नीति, खासकर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ देशाें की कूटनीति पर गहरी पकड़ रखते थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने
अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पर à¤à¤• शोध किया था और 50 से अधिक देशों की यातà¥à¤°à¤¾ की थी।
समाचार à¤à¤œà¥‡à¤‚सी
पीटीआई à¤à¤¾à¤·à¤¾, नवà¤à¤¾à¤°à¤¤ टाइमà¥à¤¸, जनसतà¥à¤¤à¤¾ में शीरà¥à¤· संपादकीय पदों पर रहे शà¥à¤°à¥€ वैदिक 26 नवंबर 2008 के मà¥à¤‚बई हमलों
के सरगना और लशà¥à¤•रे तैयà¥à¤¯à¤¬à¤¾ के आतंकवादी हाफिज सईद का इंटरवà¥à¤¯à¥‚ लेकर खासे चरà¥à¤šà¤¿à¤¤
हà¥à¤ थे। हाफिज सईद का इंटरवà¥à¤¯à¥‚ लेने के बाद पूरे देश में काफी हंगामा हà¥à¤† और दो
सांसदों ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करके उन पर देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹ का मà¥à¤•दमा चलाने की मांग की थी।
इस पर शà¥à¤°à¥€ वैदिक ने निरà¥à¤à¥€à¤•ता पूरà¥à¤µà¤• कहा था,“ दो सांसद ही नहीं पूरे 543 सांसद ‘सरà¥à¤µà¤•à¥à¤®à¤¤à¤¿â€™ से à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ
पारित करें और मà¥à¤à¥‡ फांसी पर चढ़ा दें। मैं à¤à¤¸à¥€ संसद पर थूकता हूं।â€
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯
सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ ने शà¥à¤°à¥€ वैदिक के निधन पर शोक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया है। संघ ने कहा कि महान
विचारक, हिंदी को
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने के लिठसदैव पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¨ करने वाले और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हटाओ आंदाेलन के
पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ साहितà¥à¤¯à¤•ार à¤à¤µà¤‚ पतà¥à¤°à¤•ार और राजनीतिक चिंतक शà¥à¤°à¥€ वैदिक का निधन
अपूरणीय कà¥à¤·à¤¤à¤¿ है।
नेशनल यूनियन ऑफ
जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ (à¤à¤¨à¤¯à¥‚जे) के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· रासबिहारी ने शà¥à¤°à¥€ वैदिक के निधन पर गहरा शोक
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया और कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिंदी के कई à¤à¤¸à¥‡ शबà¥à¤¦ दिये जो अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚
को टकà¥à¤•र देते थे। उनके गढ़े हिंदी के शबà¥à¤¦ आज à¤à¥€ लेखन में खूब इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किये जाते
हैं।
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