समाचार ब्यूरो
13/03/2023  :  18:05 HH:MM
55 वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला 15 से मार्च ग्रेटर नोएडा में
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शो के केंद्र में महाराष्ट्र, उत्तर पूर्व क्षेत्र और तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों से शिल्प आधारित जीवंत थीम प्रस्तुतियों हैं, जो विदेशी खरीदार समुदाय के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी।

ग्रेटर नोएडा- हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 55 वें संस्करण का आयोजन 15 से 19 मार्च तक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में किया जायेगा।

ईपीसीएच के अध्यक्ष राजकुमार मल्होत्रा ने आज यहां इसकी घोषणा करते हुये कहा कि अपने स्प्रिंग संस्करण में आईएचजीएफ दिल्ली मेला कहीं ज्यादा दिव्य और भव्य रूप में पेश होने को तैयार है। यह शो 16 हॉल में आयोजित होगा, जिसमें होम, फैशन, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल और फर्नीचर के 14 प्रमुख प्रदर्शन खंड हैं। उत्पादों के वर्गीकरण के हिसाब से हाउस वेयर, होम फर्निशिंग, फर्नीचर, उपहार और सजावट, लैंप और लाइटिंग, क्रिसमस और उत्सव की सजावट, फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज, स्पा और वेलनेस, कालीन, बाथरूम एक्सेसरीज, गार्डन एक्सेसरीज, एजुकेशनल टॉयज और गेम्स, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद, स्टेशनरी और लेदर के बैग शामिल होंगे। इस बार हस्तशिल्प और उपहार उत्पादों की एक नई श्रृंखला के साथ, सामूहिक रूप से वे एक ही मंच पर सोच-समझकर बनाई गई अवधारणाओं और उत्पादों का एक पूरा स्पेक्ट्रम पेश करने वाले हैं।
उन्होंने हाल ही में घोषित पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास) योजना पर भी अपने विचार साझा किए, जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों, विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक अच्छी पहल है, जो उपकरणों का उपयोग करके अपने हाथों से काम करते हैं। उनके द्वारा बनाई गई कला और हस्तकला आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने आगे कहा कि परिषद पहले से ही योजना में हाइलाइट किए गए अधिकांश पहलुओं पर काम कर रही है और उम्मीद है कि यह नई पहल देश के कोने-कोने में फैले कारीगरों को लाभकारी अवसर प्रदान करने की दिशा में काम करने के परिषद के संकल्प को मजबूत करेगी और भारत के माननीय प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण में योगदान देगी।
ईपीसीएच के महानिदेशक और आईईएमएल के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि आने वाले वर्षों में हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे निर्यातकों को महामारी के बाद विभिन्न देशों द्वारा अपनाई जा रही चीन की ‘प्लस वन’ नीति का लाभ उठाना चाहिए। एक राष्ट्र के रूप में भारत को वह “प्लस वन” देश बनने की कोशिश करनी चाहिए और हमें जेआईटी (जस्ट इन टाइम) में निर्यात पर ध्यान देना चाहिए और विदेशी बाजारों में पूर्ति केंद्रों की ओर देखना चाहिए।
आईएचजीएफ दिल्ली मेला- स्प्रिंग 2023 स्वागत समिति के अध्यक्ष अवधेश अग्रवाल ने कहा “पूरे भारत से कुल मिलाकर, 3000 से अधिक प्रदर्शक आएंगे, इससे हस्तकला समूहों, उत्पादन केंद्रों और शिल्पी ग्रामों को मजबूत प्रतिनिधित्व मिलेगा। सामूहिक रूप से, वे 2000 से अधिक नए उत्पाद और 300 से अधिक डिज़ाइन प्रस्तुत करने वाले हैं। इस आयोजन में हॉल में स्थापित प्रदर्शक बूथों के अलावा, आगंतुकों को इंडिया एक्सपो सेंटर के विभिन्न स्तरों पर स्थित प्रमुख निर्यातकों के 900 स्थायी शोरूम भी देखने को मिलेंगे। बायर लाउंज और रिफ्रेशमेंट जोन के अलावा थीम पवेलियन, ट्रेंड एरिया, क्राफ्ट डिमॉन्स्ट्रेशन,फैशन शो और पैनल डिस्कशन, नॉलेज सेमिनार जैसे अतिरिक्त आकर्षण शो में शामिल होने वालों के लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित होंगे। शो के केंद्र में महाराष्ट्र, उत्तर पूर्व क्षेत्र और तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों से शिल्प आधारित जीवंत थीम प्रस्तुतियों हैं, जो विदेशी खरीदार समुदाय के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी।






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