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à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में बीजेपी के सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सहयोगियों में से à¤à¤• नीतीश कà¥à¤®à¤¾à¤° की पारà¥à¤Ÿà¥€ जेडीयू के साथ गठबंधन के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ को लेकर कई तरह के सवाल उठरहे हैं। इस बार यह पूरा मसला जेडीयू कोटे से मोदी सरकार में मंतà¥à¤°à¥€ बने आरसीपी सिंह की राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ में वापसी के सवाल के साथ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† और अà¤à¥€ तक इस विवाद का कोई समाधान निकल à¤à¥€ नहीं पाया था कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उठाठगठकदम ने बीजेपी के सामने à¤à¤• और परेशानी खड़ी कर दी है। दरअसल, लंबे समय तक चले वाद-विवाद और कई फॉरà¥à¤®à¥‚ले पर चरà¥à¤šà¤¾ के बाद जेडीयू कोटे से केवल à¤à¤• नेता आरसीपी सिंह को मोदी सरकार में कैबिनेट मंतà¥à¤°à¥€ के तौर पर शामिल किया गया था। लेकिन अब राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ का उनका कारà¥à¤¯à¤•ाल जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2022 में समापà¥à¤¤ होने जा रहा है। मंतà¥à¤°à¥€ बने रहने के लिठउनका सांसद बने रहना जरूरी है लेकिन विधायकों की संखà¥à¤¯à¤¾ के आधार पर जेडीयू सिरà¥à¤« à¤à¤• उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° को ही जीता सकती है लेकिन उस सीट को लेकर à¤à¥€ कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।
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