समाचार ब्यूरो
07/05/2022  :  19:48 HH:MM
लू लगने पर ORS का घोल एवं ग्लूकोस का नियमित सेवन करें- मोअज्जम आरिफ
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राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय सकरी गली, गुलजारबाग, पटना में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) के अंतर्गत गर्मी के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए बच्चों को लू से संबंधित विस्तृत जानकारियां दी गई। राज्य में गर्म हवाएं/ लू चलने के दौरान विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को इसके लक्षण, कुप्रभाव से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। इसी क्रम में विद्यालय के शिक्षक श्री मो० मोअज़्ज़म आरिफ ने लू लगने के लक्षण एवं बचाव के उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लू लगने पर तेज बुखार आना, बेहोशी आना, सांस लेने में तकलीफ होना, उल्टी एवं दस्त या दोनों का होना, चक्कर आना, सिर एवं शरीर में काफी दर्द होना, बार बार मुंह सूखना, हाथ पैरों में कमजोरी आना या नीढाल होना, लू लगने पर काफी पसीना आने लगता है या फिर पसीना आना ही बंद हो जाता है। इससे बचाव के लिए तोलिया अथवा गमछा ठंडे पानी में भिगोकर सिर पर रखें एवं पूरे शरीर को गीले कपड़े से बार बार पोछते रहे। लू लगने पर आम का पन्ना, आम के टिकोरा का शरबत, सत्तू का घोल एवं नारियल का पानी पीते रहना चाहिए। ORS का घोल एवं ग्लूकोस का भी नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। श्री आरिफ ने विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चों को स्थानीय स्तर पर ORS बनाने की विधि बताई कि एक गिलास साफ पानी में एक चुटकी नमक एवं एक चम्मच चीनी मिलाकर ORS का घोल तैयार किया जा सकता है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री संजय कुमार ने विद्यार्थियों को बताया कि गर्मी के महीने में जब सामान्य से अधिक तापमान कई दिनों तक बना रहता है तो ऐसी स्थिति में लू/ गर्म हवा का चलना शुरू हो जाता है। इस समय में तापमान औसत उच्च तापमान से अधिक हो जाता है‌ ऐसी स्थिति में गर्मी तेजी से बढ़ने लगती है। गर्म हवाओं के कारण लू लगने की संभावना होती है। अधिक गर्मी से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इसके कारण अचानक शरीर में बदलाव होने लगता है। यहां तक कि कभी-कभी काफी गंभीर स्थिति भी हो जाती है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ उसके चपेट में आने वाले लोगों कि असमय मृत्यु भी हो सकती है। विद्यालय के विज्ञान शिक्षक श्री राजेश कुमार ने छात्र छात्राओं को बताया कि दोपहर में यदि अति आवश्यक कार्य ना हो तो घर से बाहर ना निकले। यथासंभव घर में रहे एवं कठिन व श्रम करने वाले कामों से बचें। ऐसे फलों का सेवन करें जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो उदाहरण स्वरूप तरबूज खीरा, खरबूजा, नारियल पानी आदि। विद्यालय के शारीरिक शिक्षक श्री मनोज कुमार ने बच्चों को बताया कि घर से बाहर निकलते समय यथासंभव सफेद पोशाक, सिर पर टोपी, गमछा या छाता लेकर ही निकले। धूप में कोई भी खेल अथवा कठिन परिश्रम वाला व्यायाम जिम आदि नहीं करना चाहिए। हल्का ताजा थोड़ा भोजन करें। भोजन को कई बार में खाएं। इस मौके पर अन्य शिक्षकों में गजाला नसरीन अनुप्रिया आदि मौजूद रहीं।






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