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अपनी जान-माल की हिफाज़त करना पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिक का मौलिक अधिकार : मौलाना अमीनà¥à¤² हक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ क़ासमी
ईमान और बà¥à¥›à¤¦à¤¿à¤²à¥€ à¤à¤• दिल में जमा नहीं हो सकते, जामा मासà¥à¤œà¤¿à¤¦ अशरफाबाद में कà¥à¤°à¤†à¤¨ मà¥à¤•मà¥à¤®à¤² होने के अवसर पर खिताब
कानपà¥à¤° :- आज के हालात में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सबसे बड़ी ज़रूरत यह है कि वह अपनी जान, माल, ईमान, इजà¥à¥›à¤¤ व आबरू की हिफाज़त सà¥à¤µà¤‚य करे। जब हम सà¥à¤µà¤‚य नियत करेंगे कि हमें का़नून के दायरे में रह कर अपनी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के उपाय करना है तà¤à¥€ आसमान से अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की मदद हमारे लिये उतरेगी। इन विचारों को जमीअत उलमा उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मौलाना अमीनà¥à¤² हक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ क़ासमी ने जामा मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ अशरफाबाद में तरावीह में कà¥à¤°à¤†à¤¨ का दौर मà¥à¤•मà¥à¤®à¤² होने के अवसर पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। मौलाना ने कहा कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को चाहिये कि वह अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से अपने समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ को मज़बूत करें, दिल को साफ करें, मामलात दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ करें, सचà¥à¤šà¥‡ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ का जो किरदार होता है वह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने पेश करें, इसà¥à¤²à¤¾à¤® की सचà¥à¤šà¥€ शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को रूबरू करायें, पड़ोसियों और देशबनà¥à¤§à¥à¤“ं के साथ अचà¥à¤›à¤¾ मामला करें, दूसरों की मदद करें, खà¥à¤¦ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ होने के साथ इसà¥à¤²à¤¾à¤® का सही मतलब लोगों तक पहà¥à¤‚चायें। यह सबकà¥à¤› करने के बाद à¤à¥€ अगर कोई ज़बरदसà¥à¤¤à¥€ आपकी जान-माल का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ बन जाये तो डट कर उसका मà¥à¥˜à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करें। हम मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ रसूलà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ सलà¥à¤²à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹à¥ अलैहि वसलà¥à¤²à¤® के उमà¥à¤®à¤¤à¥€ और गà¥à¤²à¤¾à¤® हैं, हम कमज़ोर, बà¥à¥›à¤¦à¤¿à¤², डरपोक और कम हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं हो सकते। अगर कोई हमारे सबà¥à¤° और बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ को कमज़ोरी समठकर नà¥à¤•à¥à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाने लगे तो शरीअत में इसकी इजाज़त दी गई है कि अपनी जान बचायें, हमारे देश के कानून ने à¤à¥€ इसकी इजाज़त दी है कि अगर कोई आपकी जान-माल, इजà¥à¥›à¤¤ आबरू, घर-परिवार का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ बनकर नà¥à¤•à¥à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाये तो आतà¥à¤®à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के तहत हर सà¥à¤¤à¤° पर डटकर उसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ करें। मौलाना ने कहा कि हमारी जान, हमारी ज़िंदगी, हमारी इजà¥à¥›à¤¤ व आबरू à¤à¤²à¥‡ ही वह à¤à¤• इंसान की हो या पूरी क़ैम की हो, यह अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की तरफ से हमारे पास अमानत है, इसकी हिफाज़त करना हमारी ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। हज़रत मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ सलà¥à¤²à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹à¥ अलैहि वसलà¥à¤²à¤® का फरमान है कि जो शखà¥à¤¸ अपनी जान, अपने माल, इजà¥à¥›à¤¤, अपने बीवी-बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की हिफाज़़त करते हà¥à¤ मारा जाये वह शहीद है। अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने हमारे ऊपर जो ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ डाली है उस ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ को अदा करते हà¥à¤ अगर हम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से चले गये तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को हमारी ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ का यह à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ इतना पसनà¥à¤¦ है कि वह शहादत का दरà¥à¤œà¤¾ अता फरमाते हैं। मौलाना ने लोगों को सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के बारे में जागरूक करते हà¥à¤ कहा कि à¤à¤¸à¥€ चीज़ों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना जो सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिये हानिकारक हो वह कà¤à¥€ मकरूकह तो कई बार हराम तक हो जाती हैं। मौलाना ने कहा कि कोई हमारी जान का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ हो और हम मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ के साथ उसके सामने अपनी जान पेश कर दें, अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने हमें इसकी इजाज़त नहीं दी है, कमहिमà¥à¤®à¤¤à¥€, बà¥à¥›à¤¦à¤¿à¤²à¥€, डर, खौफ à¤à¤• दिल के अनà¥à¤¦à¤° ईमान के साथ जमा नहीं हो सकते। मौलाना ने बताया अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ अपने महबूब बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को आज़माते हैं कि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ अनà¥à¤¦à¤° मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ और à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ कितना है, जब यह हमारा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का कोई काम अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की मरà¥à¥›à¥€ के बिना नहीं हो सकता तो आज के मौजूदा हालात अगर अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को मंज़ूर है तो हम इन हालात में à¤à¥€ खà¥à¤¶ हैं, जब अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को मंजूर होगा हालात बदल जायेंगे, इस वजह से सबà¥à¤°, हिकमत बहà¥à¤¤ बड़ी चीज़ है, दूसरों की बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ पर à¤à¤²à¤¾à¤ˆ का मामला करना यह बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ चीज़ है लेकिन हिकमत के नाम पर अपने आपको डरपोक और बà¥à¥›à¤¦à¤¿à¤² बना लेना, दिल में दूसरों का खौ़फ बैठा लेना सचà¥à¤šà¥‡ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ होने की निशानी नहीं है। अगर हम कà¥à¤› नहीं कर सकते तो कम से कम मजà¥à¤²à¥‚मों के लिये दà¥à¤† तो कर सकते हैं, सरकारों से मांग तो कर सकते हैं à¤à¤• आवाज़ होकर कि क़ानून के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° काम करें, का़नून के खिलाफ कोई काम ना करें। मौलाना ने कहा कि इस वकà¥à¤¼à¤¤ के हालात में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सबसे बड़ी ज़रूरत है कि अपने हिमà¥à¤®à¤¤ व हौसले मज़बूत करें, सबà¥à¤° व हिकमत से काम लेंने साथ-साथ डर और बà¥à¥›à¤¦à¤¿à¤²à¥€ को अपने दिल से निकालें।
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