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रमजान के तीसरे जà¥à¤®à¤¾ में मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने जà¥à¤®à¤¾ की नमाज अदा की। रमज़ान में नमाज अदा करने वालों की संखà¥à¤¯à¤¾ बढ़ जाती है। रोजेदार नमाज अनिवारà¥à¤¯ रूप से पढ़ते हैं। जà¥à¤®à¤¾ के मौके पर तकरीर करते हà¥à¤ मदरसा रहमानिया, मेहसौल के इमाम मौलाना मो मजहरूल इसà¥à¤²à¤¾à¤® उरà¥à¤« मजहर ने बà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ कहा कि रमज़ान तीन अशरे में विà¤à¤•à¥à¤¤ है। आज दूसरे अशरा की समापà¥à¤¤à¤¿ हो जायेगी। आज से तीशरा अशरा शà¥à¤°à¥‚ होगा। इस अशरा में शब ठकदà¥à¤° है। 21,23,25,26,27 की रात में शब ठकदà¥à¤° को तलाशा जाता है। इस रात इबादत का मतलब हजारों रात इबादत करने जैसा है। आज सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ से पहले रोजा खोलने से पहले मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में à¤à¤¤à¤•ाफ पर बैठते है à¤à¤µà¤‚ ईद का चांद नजर आने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ से वापस आते है। à¤à¤¤à¤•ाफ में बैठअधिक से अधिक इबादत कर सवाब कमाना है। à¤à¤¤à¤•ाफ पर बैठने का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से अपनी मगफिरत कराना है और जहनà¥à¤¨à¤® से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पाना है। हर मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾ से किसी à¤à¤• आदमी को जरूर à¤à¤¤à¤•ाफ पर बैठना चाहिà¤à¥¤ रमजान में रोजेदार अपना समय जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° इबादत में गà¥à¤œà¤¾à¤° अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को राजी कर अपनी मगफिरत कराते है। जà¥à¤®à¤¾ का आम दिनों में अलग मà¥à¤•ाम हासिल है। पांच वकà¥à¤¤ की नमाज नही अदा करने वाले मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ जà¥à¤®à¤¾ की नमाज जरूर अदा करते है। रमजान के महीने में जà¥à¤®à¤¾ की नमाज की तैयारी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤¾à¤ˆ सà¥à¤¬à¤¹ से ही करने लगते है।
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