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रावघाट खदान से लौह अयसà¥à¤• के खनन पर आपतà¥à¤¤à¤¿ जताते पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गाà¤à¤µ के सैंकड़ो आदिवासी शनिवार की रात, 26.03.2022,से खोडगाà¤à¤µ मे सड़क जाम किये, वहीं धरने पर बैठे हैं। à¤à¤¿à¤²à¤¾à¤ˆ सà¥à¤Ÿà¥€à¤² पà¥à¤²à¤¾à¤‚ट को 3 लाख टन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· अयसà¥à¤• खनन कर, उसे रोड से निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दिनांक 25.01.2022 को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ से मिली थी। पर अà¤à¥€ तक किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गाà¤à¤µ की गà¥à¤°à¤¾à¤® सà¤à¤¾ ने इस खनन परियोजना को सहमति नहीं दी है।
याद हो कि मातà¥à¤° दो सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ पहले दिनांक 15.03.2022 को जब बीà¤à¤¸à¤ªà¥€ के कॉनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤° देव माईनिंग कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ ने लौह अयसà¥à¤• के लदे दो टà¥à¤°à¤•ों के परिवहन की पहल की थी, तब à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ ने आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ में आकर टिपà¥à¤ªà¤° टà¥à¤°à¤• चालकों को गà¥à¤°à¤¾à¤® खोडगाà¤à¤µ की बीच सड़क में अपने अयसà¥à¤• से à¤à¤°à¥‡ टà¥à¤°à¤•ों को खाली करने पर मजबूर किया था। तब गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ ने इस खनन को गैर कानूनी करार कर देव माईनिंग कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ के खिलाफ चोरी के आरोप में और अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° निवारण अधिनियम के तहत FIR करने की à¤à¥€ कोशिश की थी, पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने उसे दरà¥à¤œ नहीं किया।
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ का कहना है कि दोबारा से रात के अंधेरे का सहारा लेकर कà¥à¤› टिपà¥à¤ªà¤° टà¥à¤°à¤• रावघाट पहाड़ी चढ़ गये हैं। यह जानना आवशà¥à¤¯à¤• है कि दिनांक 04.06.2009 में कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ को दी गई परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ सà¥à¤µà¥€à¤•ृति की कंडिका A(xxii) में रात के दौरान किसी à¤à¥€ टà¥à¤°à¤• का इन सड़को पर परिवहन सखà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित है, और कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को कई बार आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ किया है कि समसà¥à¤¤ परिवहन दिन के समय ही होगा। इस गैर कानूनी परिवहन को रोकने के लिये शनिवार की रात से गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ सड़क पर ही खाना बना रहे हैं, सो रहे हैं, और निरंतर पहरा दे रहे हैं। रविवार दिनांक 27.03.2022 की सà¥à¤¬à¤¹ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ ने सड़क पर नाका à¤à¥€ बना दिया है। आस पास के कई गाà¤à¤µ से लोग समरà¥à¤¥à¤¨ में आये हैं- खोडगाà¤à¤µ, खड़कागाà¤à¤µ, बिंजली, परलà¤à¤¾à¤Ÿ, खैराà¤à¤¾à¤Ÿ और अनà¥à¤¯ रावघाट खदान पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गाà¤à¤µà¥¤
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बीà¤à¤¸à¤ªà¥€ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤¨à¥‡ वायदे कर रही है, पर उनमें से किसी को पूरा नहीं कर रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि पिछले वरà¥à¤· जब पहाड़ी के ऊपर खदान कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पर पेड़ कटाई हà¥à¤ˆ थी, तो बरसात में मिटà¥à¤Ÿà¥€ बह कर खोड़गाà¤à¤µ के कैमà¥à¤ª तक पहà¥à¤à¤š गई थी। जब इस माईनिंग से कैमà¥à¤ª को à¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं कर सकती सरकार तो हमारे गाà¤à¤µ, हमारे घर, हमारे खेत कैसे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेंगे? आदिवासी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में रावघाट पर राजाराव बसते हैं, और वह उनके लिये à¤à¤• पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤² है। साथ ही रावघाट कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लोगों की आसà¥à¤¥à¤¾ यहाठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कई देवताओं पर है, जो उनकी संसà¥à¤•ृति का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हिसà¥à¤¸à¤¾ है जैसे कि देवता गà¥à¤®à¤‚कल और गडेलकल, जो कि खनन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की à¤à¥‚मि में ही बसते हैं। à¤à¤¸à¥‡ कई और महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ देवताओं को खनन की वजह से आहत पहà¥à¤šà¥‡à¤—ी।
यही नहीं, आसपास के सà¤à¥€ गाà¤à¤µ इस पहाड़ी पर अपनी गौण वनोपज के लिये, औषधियों के लिये निरà¥à¤à¤° है। बताया जाता है कि जब कà¥à¤› दशक पहले यहाठपर बरसात का अà¤à¤¾à¤µ था तो इसे पहाड़ के जंगल में मधॠपीकर और जंगली कनà¥à¤¦à¤®à¥‚ल, जड़ीबूटी खाकर लोगों ने कई साल गà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤°à¤¾ किया था।
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ ने बताया कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और कलेकà¥à¤Ÿà¤° ऑफिस से निरनà¥à¤¤à¤° दबाव आ रहा है कि इस धरने के बंद किया जाये। à¤à¤• तरफ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ को धमकाया जा रहा है कि नकà¥à¤¸à¤²à¥€ केस में फंसा देंगे, दूसरी ओर उनà¥à¤¹à¥‡ जनपद ऑफिस बà¥à¤²à¤¾à¤•र लà¥à¤à¤¾à¤¯à¤¾ जा रहा है, कि कà¥à¤¯à¤¾ चाहते हो, सब कà¥à¤› देंगे। माईनिंग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कà¥à¤› गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ को वन अधिकार मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ कानून 2006 के तहत समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• वन अधिकार पतà¥à¤° à¤à¥€ मिला है, जिसका यह खनन परियोजना à¤à¤• सीधा सीधा उलà¥à¤²à¤‚घन है।
समसà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और नाका लगठहà¥à¤ जà¥à¤à¤¾à¤°à¥‚ लोगों कि मांग है कि रावघाट खनन परियोजना बंद की जाà¤, खदान की सà¥à¤µà¥€à¤•ृति रदà¥à¤§ हो और बिना गà¥à¤°à¤¾à¤® सà¤à¤¾ के कोई à¤à¥€ निरà¥à¤£à¤¯ नहीं लिया जाà¤à¥¤
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