समाचार ब्यूरो
22/03/2022  :  17:27 HH:MM
सिद्दीक़, शहीद और अब्दे सालेह थे हज़रत अब्बास अ०: मौलाना सय्यद अली हाशिम आब्दी
Total View  1420


 à¤¹à¤° साल की तरह इस साल भी 17 शाबान को जश्न ए अनवार ए शाबान सफ़ीना ए हुसैन (एस एच) फ़ोटोग्राफ़ी की ओर से लखनऊ के महबूबगंज स्थित मस्जिदे अंजुमने चश्मा ए कौसर में आयोजित हुई। क़ारी अली मोहम्मद ने तिलावते क़ुरआन ए करीम से महफ़िल की शुरूआत की।जिसके बाद मौलाना सय्यद अली हाशिम आब्दी ने सूरह वल अस्र को सरनामा ए कलाम क़रार देते हुए कहा कि इंसानों में चार गिरोह ऐसे हैं जिनका जन्नत में जाना यक़ीनी है। अम्बिया, सिद्दीक़ीन, शोहदा और सालेहीन। अम्बिया वह हैं जिनको अल्लाह ने मुन्तख़ब किया है वह एक लाख चौबीस हज़ार हैं न इनमें कोई कमी मुमकिन है और न ही इज़ाफ़ा। सिद्दीक़ीन, शोहदा व सालेहीन में कोई भी इंसान अपने ईमान, इख़लास और अमल के ज़रिए शामिल हो सकता है। हज़रत अब्बास अ०स० अम्बिया में तो नही हैं लेकिन सिद्दीक़ीन में सफ़े अव्वल में शामिल हैं, क्योंकि वफ़ा सिद्क़ का नतीजा है और आप सिर्फ़ बा वफ़ा नहीं बल्कि आबरू ए वफ़ा हैं। इसी तरह आप शहीद भी हैं और अब्दे सालेह भी।महफ़िल में शोअरा ए केराम जनाब ज़ैन अलवी, जनाब सफ़दर अब्बास बेलाल, जनाब अली मोहम्मद बुकनालवी, जनाब हसन अब्बास मारूफी, जनाब फ़हीम ज़ैदपुरी, जनाब क़ायम रज़ा मुबारकपुरी, जनाब इरशाद हुसैन और जनाब सैफ़ हुसैन सैफ़ी ने बारगाह इस्मत व तहारत में मंज़ूम नज़राना ए अक़ीदत पेश किया, महफिल का संचालन जनाब ज़फ़र अब्बास लखीमपुरी ने किया।






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   4751590
 
     
Related Links :-
पार्श्वगायक नहीं अभिनेता बनना चाहते थे मुकेश
दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन
शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की निगरानी से करायें जांच : सुशील
स्वदेशी गाय की खरीद पर ट्रांसर्पोटेशन और बीमा का खर्च उठाएगी योगी सरकार
शंखनाद अभियान का आगाज करेगी भाजपा
आयकर विभाग की वेबसाइट नये स्वरूप में लाँच
अडानी ने लगायी गुजरात ऊर्जा निगम को 3900 करोड़ रुपए की चपत: कांग्रेस
लखनऊ रामेश्वरम रेल हादसे पर खडगे, राहुल, प्रियंका ने जताया शोक
तमिलनाडु ट्रेन हादसे पर मुर्मु ने जताया शोक
एनडीएमए ने ‘आपदा मित्रों’ को किया सम्मानित