समाचार ब्यूरो
29/12/2021  :  10:01 HH:MM
जुलाई-सितंबर 2021 के लिए सार्वजनिक ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट (वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही)
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वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत बजट प्रभाग में लोक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी) अप्रैल-जून (पहली तिमाही), 2010-11 से नियमित रूप से ऋण प्रबंधन पर एक त्रैमासिक रिपोर्ट जारी कर रहा है। वर्तमान रिपोर्ट जुलाई- सितंबर, 2021 (वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही) से संबंधित है।

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान, à¤•à¥‡à¤‚द्र सरकार ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में 3,18,493 करोड़ रुपये के मुकाबले 3,83,863 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, à¤œà¤¬à¤•à¤¿ पुनर्भुगतान 34,070 करोड़ रुपये का हुआ। वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में प्राथमिक निर्गमों की भारित औसत प्राप्ति बढ़कर 6.26 प्रतिशत हो गई, à¤œà¥‹ वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 6.11 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में दिनांकित प्रतिभूतियों के नए निर्गमों की भारित औसत परिपक्वता 16.51 वर्ष कम थी, à¤œà¤¬à¤•à¤¿ वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में यह 16.92 वर्ष रही थी।

सरकार की कुल देनदारियां ('सार्वजनिक खाते' à¤•à¥‡ तहत) अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, à¤¸à¤¿à¤¤à¤‚बर 2021 के अंत में 1,25,71,747 करोड़ रुपये है, à¤œà¤¬à¤•à¤¿ जून 2021 के अंत में यह 1,20,91,193 करोड़ रुपये थी। यह वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही 3.97 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत देता है। सितंबर 2021 के अंत में सार्वजनिक ऋण कुल बकाया देनदारियों का 91.48 प्रतिशत था, à¤œà¥‹ जून 2021 के अंत में 91.60 था। लगभग 30.56 प्रतिशत बकाया दिनांकित प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि 5 वर्ष से कम थी। स्वामित्व पैटर्न सितंबर 2021 के अंत में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.82 प्रतिशत और बीमा कंपनियों की 24.18 प्रतिशत दर्शाता है।

वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों की आपूर्ति में वृद्धि के कारण द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल में कमी आई। तिमाही के दौरान द्वितीयक बाजार में कारोबारी गतिविधियां 3-7 साल की परिपक्वता अवधि वाली बकेट मेंपर केंद्रित हो थी, à¤•à¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कम निर्गम के कारण 10 साल के बेंचमार्क वाली प्रतिभूतियों में कम कारोबार देखने को मिला। हालांकि, à¤‰à¤¦à¤¾à¤° रुख के साथ एमपीसी के प्रमुख नीतिगत दर को 4 प्रतिशत के स्तर पर अपरिवर्तित रखने और वित्त वर्ष, 2022 की दूसरी तिमाही में जी एसएपी 2.0 के तहत मुक्त बाजार खरीद के आयोजन के फैसले से प्राप्तियों को समर्थन मिला।






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