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नयी दिलà¥à¤²à¥€ - कला, साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚
शिकà¥à¤·à¤¾, खेल, चिकितà¥à¤¸à¤¾, समाज सेवा à¤à¤µà¤‚
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯ के लिठदिये जाने वाले सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नागरिक
समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों के लिठनामांकन सोमवार से शà¥à¤°à¥‚ हो गया और ये नामांकन 15
सितमà¥à¤¬à¤° तक किये जा सकेंगे।
गृह मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने बताया है कि अगले वरà¥à¤· गणतंतà¥à¤° दिवस के मौके पर दिये जाने
वाले इन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों के लिठनामांकन और सिफारिशें मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ की वेबसाइट पर पदà¥à¤®
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार पर दायर की जा सकती हैं।
पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤•ारों के तहत पदà¥à¤® विà¤à¥‚षण, पदà¥à¤® à¤à¥‚षण और
पदà¥à¤® शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार दिये जाते हैं। ये पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार वरà¥à¤· 1954 में शà¥à¤°à¥‚ किये
गये थे और ये कला, साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ शिकà¥à¤·à¤¾, खेल, चिकितà¥à¤¸à¤¾, समाज सेवा, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚
इंजीनियरी, लोक कारà¥à¤¯, सिविल सेवा, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚
उदà¥à¤¯à¥‹à¤— आदि जैसे कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में विशिषà¥â€à¤Ÿ और असाधारण उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा सेवा के लिठपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨
किठजाते हैं।
किसी à¤à¥€ पंथ, वà¥â€à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯, पद या लिंग से
संबंधित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों के लिठयोगà¥à¤¯ है हालाकि चिकितà¥â€à¤¸à¤•ों और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•ों
को छोड़कर अनà¥â€à¤¯ सरकारी सेवक, जिनमें
सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के उपकà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में काम करने वाले सरकारी सेवक à¤à¥€ शामिल है, पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤•ारों
के पातà¥à¤° नहीं हैं।
सरकार का कहना है कि वह पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤•ारों को “पीपलà¥à¤¸ पदà¥à¤®â€ बनाने के लिà¤
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ है। इसलिठवह सà¤à¥€ नागरिकों से अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करती है कि वे इन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों के
लिठनामांकन à¤à¤µà¤‚ सिफारिशें करें। नागरिक सà¥â€à¤µà¤¯à¤‚ को à¤à¥€ नामित कर सकते हैं। नामांकन
करते समय à¤à¤• वà¥â€à¤¯à¤¾â€à¤–à¥â€à¤¯à¤¾à¤¤à¥â€à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤à¤¿-पतà¥à¤° (अधिकतम 800 शबà¥â€à¤¦) à¤à¥€
लगाना होगा जिसमें अनà¥à¤¸à¤‚शित वà¥â€à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की संबंधित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° या विषय में विशिषà¥â€à¤Ÿ और
अननà¥â€à¤¯ उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सेवाओं का सà¥â€à¤ªà¤·à¥â€à¤Ÿ उलà¥â€à¤²à¥‡à¤– किया जाना चाहिà¤à¥¤
मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने कहा है कि इन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों के लिठमहिलाओं, समाज के कमजोर
वरà¥à¤—ों, अनà¥à¤¸à¥‚चित जातियों और अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजातियों, दिवà¥â€à¤¯à¤¾à¤‚गों तथा
समाज की नि:सà¥â€à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सेवा करने वाले लोगों में से उन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ वà¥â€à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की
पहचान के लिठमिलकर पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये जाने चाहिठजिनकी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ वासà¥â€à¤¤à¤µ में समà¥â€à¤®à¤¾à¤¨
की हकदार हैं।
इस संबंध में विसà¥â€à¤¤à¥ƒà¤¤ विवरण गृह मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ की वेबसाइट पर ‘पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤•ार और
पदक’ शीरà¥à¤·à¤• के अंतरà¥à¤—त और पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤•ार
पोरà¥à¤Ÿà¤² पर उपलबà¥â€à¤§ हैं।
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