समाचार ब्यूरो
15/04/2023  :  20:33 HH:MM
भ्रष्टाचार में डूबने वाले के लिए भ्रष्टाचार मुद्दा कैसे हो सकता : केजरीवाल
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वह उपर भी पैसा भेजते हैं और वहां से वो पैसा उनके दोस्त की कंपनियों में निवेश होता है। उन्होंने कहा कि वह भी तो विधानसभा में कुछ इसी तरह कहा था।

 à¤¨à¤¯à¥€ दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जो सख्श सिर से पांव तक भ्रष्टाचार के अंदर डूबा हुआ है उसके लिए भ्रष्टाचार मुद्दा कैसे हो सकता है?

श्री केजरीवाल ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले करीब एक साल से भारतीय जनता पार्टी चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है कि दिल्ली में शराब घोटाला हो गया। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियां अपना सारा काम छोड़कर इसकी जांच में लगी हुई हैं। ईडी-सीबीआई ने अपनी सारी जांच पूरी करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर 14 फोन तोड़ कर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है। ईडी का कहना है कि सभी 14 फोन मनीष सिसोदिया के थे और उन्होंने इन 14 फोन को नष्ट कर दिया। यह बात ईडी के दस्तावेज में है। इस दस्तावेज के बाद ईडी के कुछ सीजर मेमो भी अटैच है। इस सीजर मेमो में ईडी खुद ही कह रही है कि इन 14 फोन में से चार फोन उसके पास है। उन्होंने कहा कि हमारी जांच में पता चला है कि 14 मोबाइल फोन में से पांच तो सीबीआई-ईडी के पास है और बाकी नौ मोबाइल में से अधिकांश चालू हैं। इन मोबाइल को कोई न कोई इस्तेमाल कर रहा है। ये सारे मोबाइल फोन मनीष सिसोदिया के नहीं हैं। यह बिल्कुल सत्य है कि ये सारे फोन इस्तेमाल में हैं, यह बात ईडी और सीबीआई को पता है। ईडी-सीबीआई ने एफिडेविट पर झूठ बोलकर कोर्ट को गुमराह किया और कोर्ट के सामने झूठा सबूत पेश किया।

उन्होंने कहा कहा कि जांच एजेंसियां रोज किसी न किसी को पकड़ लेती हैं और उनको टॉर्चर कर, धमकी देकर और मानसिक-शारीरिक उत्पीड़न कर व थर्ड डिग्री देकर उनसे केजरीवाल, मनीष सिसोदिया का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब नीति बहुत ही पारदर्शी नीति थी। इस पॉलिसी को सही लागू होने के बाद पूरे शराब सेक्टर से भ्रष्टाचार खत्म कर देती। यह इस बात से साबित होता है कि यही नीति जब पंजाब में लागू की गई तो इससे एक साल के अंदर 50 फीस राजस्व बढ़ गया। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल भ्रष्टचारी है तो फिर इस दुनिया के अंदर कोई ईमानदार नहीं है। यहां मुद्दा शराब घोटाला, भ्रष्टाचार और उसकी जांच है ही नहीं। ऐसा सख्श देश का प्रधानमंत्री जो सिर से पांव तक भ्रष्टाचार के अंदर डूबा हुआ है, उसके लिए भ्रष्टाचार मुद्दा कैसे हो सकता है?

उन्होंने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक साक्षात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक ने कहा कि श्री मोदी को भ्रष्टाचार से कोई परहेज नहीं है। श्री मलिक प्रधानमंत्री के बहुत खास लोगों में गिने जाते थे। उसी इंटरव्यू में श्री मलिक ने यह भी कहा है कि कुछ ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो भ्रष्टाचार करके खूब पैसे इकट्ठे करते हैं, लेकिन सारा पैसा मुख्यमंत्री अपने पास नहीं रखते हैं। वह उपर भी पैसा भेजते हैं और वहां से वो पैसा उनके दोस्त की कंपनियों में निवेश होता है। उन्होंने कहा कि वह भी तो विधानसभा में कुछ इसी तरह कहा था।

 






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