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कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ आनंद शरà¥à¤®à¤¾ ने आज यहां पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा,‘‘ देश के à¤à¥€à¤¤à¤° दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है।
नयी दिलà¥à¤²à¥€- कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने
बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को कहा कि देश इस समय संवैधानिक संकट से जूठरहा है और संसद तथा अनà¥à¤¯
संवैधानिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के समकà¥à¤· मौजूदा समय में जो चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं पहले कà¤à¥€ इस तरह की
सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ नहीं आई है।
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ आनंद शरà¥à¤®à¤¾ ने आज यहां पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संवाददाता
समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा,‘‘ देश के à¤à¥€à¤¤à¤° दो
विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ यह बन गई है कि इस समय सरकार ही खà¥à¤¦ संसद
नहीं चलने दे रही है, इसलिठयह बड़ा
सैदà¥à¤§à¤¾à¤‚तिक विषय उà¤à¤°à¤•र आया है कि आखिर हम किस दिशा की तरफ बढ रहे हैं।â€
शà¥à¤°à¥€ शरà¥à¤®à¤¾ ने कहा, “शायद आजादी के
बाद हर संसà¥à¤¥à¤¾,जो देश के
संवैधानिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखती है, उसके सामने कà¤à¥€ इतनी बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ नहीं
आई। संसद में जहां चरà¥à¤šà¤¾ होती थी, विपकà¥à¤· के सवाल
होते थे, सरकार जवाब देती
थी वह परंपरा टूट चà¥à¤•ी है। संसद चले यह सरकार की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ होती है और लोगों की
à¤à¥€ अपेकà¥à¤·à¤¾ यही होती है कि सरकार संसद चलाà¤à¥¤ विपकà¥à¤· की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ होती है कि वह
सरकार की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ तय करे लेकिन यहां तो सतà¥à¤¤à¤¾ पकà¥à¤· ही संसद की कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ में
बाधा डालने का काम कर रहा है।â€
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता ने कहा कि लोकतंतà¥à¤° को à¤à¤µà¥à¤¯ इमारत बनाने से नहीं बलà¥à¤•ि संसदीय
परंपराओं का पालन करके ही संसद को जिंदा रखा जा सकता है। लोकतंतà¥à¤° में जहां
सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤‚द रूप से चरà¥à¤šà¤¾ करने और अपनी बात कहने की जगह थी वह सिकà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥€ जा रही है।
केवल बड़ी इमारत खड़ी कर देने से पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤‚तà¥à¤° मजबूत नहीं होता।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “देश में पिछले
और इस वरà¥à¤· à¤à¥€ बेरोजगारी का आकंडा बढ़ रहा है और यà¥à¤µà¤¾ बेरोजगारों की संखà¥à¤¯à¤¾ 42 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ पहà¥à¤‚च
गई है लेकिन इस बारे में कोई चरà¥à¤šà¤¾ नहीं होती है। मारà¥à¤š में कंसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤•à¥à¤¶à¤¨ इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€
में 95 लाख रोजगार घट
गया। औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक सेकà¥à¤Ÿà¤° में लगà¤à¤— 72 लाख रोजगार घटा।
रिटेल सेकà¥à¤Ÿà¤° में करीब 65 लाख रोजगार कम
हà¥à¤à¥¤ मारà¥à¤š में बेरोजगारी दर का आंकड़ा हम सबने देखा लेकिन अब सवाल है कि सरकार ने
कà¥à¤¯à¤¾ कदम उठाà¤à¥¤â€
पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता राहà¥à¤² गांधी को लेकर जो फैसला आया है और उस
पर सरकार ने जिस तरह से कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ की है यदि यही पैमाना सब पर लागू हो तो संसद खाली
हो जाà¤à¤—ी और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग संसद से बाहर होंगे। उनका कहना था कि पहले à¤à¥€ जेपीसी बनी
है और वरà¥à¤· 1992 के बाद कई बार
जेपीसी का गठन हà¥à¤† है इसलिठइस बार à¤à¥€ सरकार को जेपीसी का गठन करना चाहिà¤à¥¤
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