समाचार ब्यूरो
29/03/2023  :  23:38 HH:MM
प्रौद्योगिकी सभी के लिए एक बेहतर भविष्य प्राप्त करने का सबसे बड़ा अवसर
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सभी के लिए पर्यावरण के अनुकूल (सस्टेनेबल) भविष्य निर्माण की दिशा में अध्ययन में पाया गया कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ऐसा मेगाट्रेंड है, जो दुनिया का कल्याण सुनिश्चित करने में सक्षम है।

नयी दिल्ली- जलवायु परिवर्तन को स्वास्थ्य, पर्यावरण और कारोबार को प्रभावित करते हुये पूरे विश्व के कल्याण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है लेकिन प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के बल पर यह सभी के लिए एक बेहतर भविष्य प्राप्त करने के सबसे बड़े अवसर पर तौर पर बनकर उभर रही है।

मुबाडला इन्वेंस्टमेंट कंपनी (मुबाडला) ने मेगाट्रेंड्स स्टडी जारी की है, जिसमें यह दिखाया गया है कि कैसे जलवायु परिवर्तन भारत एवं विश्व के लिए खतरा बढ़ा रहा है और डिजिटल टेक्नोलॉजी बेहतर भविष्य के निर्माण की दिशा में काम कर रही है। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, चीन और फ्रांस के 1,800 से ज्यादा वैश्विक निवेशकों, जानकार युवाओं व नई पीढ़ी के उपभोक्ताओं के सर्वे पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं कारोबार को प्रभावित करते हुए पूरे विश्व के कल्याण के लिए जलवायु परिवर्तन अन्य सभी मेगाट्रेंड्स से ज्यादा बड़े खतरे के रूप में सामने आया है।
स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं कारोबार को प्रभावित करने के मामले में जलवायु परिवर्तन ने सभी मेगाट्रेंड्स को पीछे छोड़ दिया, भारत में अर्थव्यवस्था को लो-कार्बन इकोनॉमी में बदलने की जरूरत सर्वाधिक 92 प्रतिशत अनुभव की गई।
भारत में लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में डिजिटल टेक्नोलॉजी बेहतरीन अवसर की तरह सामने आ रही है।
भारत में यह भी सर्वाधिक 93 प्रतिशत अनुभव किया गया कि जनसांख्यिकीय बदलाव से जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
मेगाट्रेंड्स स्टडी में सभी मेगाट्रेंड्स द्वारा सामने आ रही चुनौतियों से निपटने में कंपनियों द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका भी सामने आई। भारत में इसे सर्वाधिक 95 प्रतिशत अनुभव किया गया। भारत में लगभग सभी मेगाट्रेंड्स से विकास पर प्रभाव पड़ने का अनुभव ज्यादा देखा गया।
सर्वे में शामिल लोगों में से फ्रांस (52 प्रतिशत), यूके (50 प्रतिशत), यूएई (41 प्रतिशत) और भारत (39 प्रतिशत) में प्रतिभागियों ने इस बात से सहमति जताई कि जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा खतरा है। अमेरिका (29 प्रतिशत) और चीन (27 प्रतिशत) में लोगों ने जलवायु परिवर्तन को लगभग जनसांख्यिकीय बदलाव एवं असमानता जितना ही बड़ा खतरा बताया। जलवायु परिवर्तन से बचाव की दिशा में अर्थव्यवस्था को लो-कार्बन बनाने के प्रयासों को सबसे ज्यादा जरूरी माना गया। भारत एवं यूएई में क्रमश: 92 और 93 प्रतिशत लोगों ने ऐसा माना।
सभी के लिए पर्यावरण के अनुकूल (सस्टेनेबल) भविष्य निर्माण की दिशा में अध्ययन में पाया गया कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ऐसा मेगाट्रेंड है, जो दुनिया का कल्याण सुनिश्चित करने में सक्षम है। भारत में 34 प्रतिशत, अमेरिका में 34 प्रतिशत, चीन में 32 प्रतिशत और यूएई में 31 प्रतिशत लोगों ने ऐसा माना। अध्ययन में कंपनियों द्वारा भविष्य निर्माण की दिशा में प्रयासों की भी स्वीकार्यता दिखी। भारत में 95 प्रतिशत और यूएई में 91 प्रतिशत ने ऐसा माना। इनके बाद अमेरिका (85 प्रतिशत), फ्रांस (84 प्रतिशत), यूके (84 प्रतिशत) और चीन (81 प्रतिशत) का स्थान रहा।






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