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साहितà¥à¤¯ कला परिषद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित "हासà¥à¤¯ रंग उतà¥à¤¸à¤µ" का 5 दिवसीय कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® मंगलवार 31 मई को शंकर शेष दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ नाटक - "ठमायावी सरोवर" के साथ संपनà¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ इस नाटक ने लैंगिक असमानता के बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक विषय और पीढ़ियों से समाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों की महिलाओं की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ को बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ से चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर के दरà¥à¤¶à¤•ों को अपने साथ जोड़े रखा। 27 मई से 31 मई तक चलने वाले इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® ने नाटकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जà¥à¤µà¤²à¤‚त विषयों पर पà¥à¤°à¤•ाश डाला जिन पर समाज में बदलाव लाने के लिठआम जनता का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है।
इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ अनà¥à¤¯ नाटको में अजीत चौधरी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ "पति गठरी काठियावाड़", अजय कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ "अंधेर नगरी", वीना शरà¥à¤®à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ "रसिक संपरà¥à¤•" और अरविंद सिंह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ "अपने अपने दाव" शामिल थे।
इस "हासà¥à¤¯ रंग उतà¥à¤¸à¤µ" के बारे में बताते हà¥à¤ उपमà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ मनीष सिसोदिया ने साà¤à¤¾ किया कि, "वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से, रंगमंच ने कई मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समाज की धारणा को बदलने में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ है। à¤à¤¸à¥‡ कई नाटक है जो सदियों पहले लिखे गठलेकिन आज à¤à¥€ उतने ही लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ और पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हैं। "हासà¥à¤¯ रंग उतà¥à¤¸à¤µ" जैसे आयोजन करवाने में हमारा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤¸à¥‡ नाटकों के माधà¥à¤¯à¤® से न केवल दरà¥à¤¶à¤•ों का मनोरंजन करना है, बलà¥à¤•ि उनमें à¤à¤• सकारातà¥à¤®à¤• संदेश à¤à¥€ फैलाना है। साथ ही कोशिश हैं की इनके माधà¥à¤¯à¤® से समाज में à¤à¤¸à¥‡ विषयों के बारे में जागरूकता पैदा की जाठजिन पर समाज को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है।"
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दिलà¥à¤²à¥€ सरकार का कला, संसà¥à¤•ृति और à¤à¤¾à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— साहितà¥à¤¯ कला परिषद के साथ मिलकर इस दिशा में पूरी लगन से काम कर रहा है। यह विà¤à¤¾à¤— दिलà¥à¤²à¥€ में कला, संसà¥à¤•ृति और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के विकास के लिठसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से उनकी कला के विकास में उचित सहयोग तथा उनकी अपेकà¥à¤·à¤¾à¤“ं को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठलगातार उनसे संपरà¥à¤• में है।
उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय हैं की यह आयोजन मंडी हाउस के कमानी ऑडिटोरीअम में आयोजित किया गया था और इसमें पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ नाटकों को देखने 3000 से अधिक लोगों आà¤à¥¤
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