समाचार ब्यूरो
20/05/2022  :  17:22 HH:MM
भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हैं दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयः महापौर
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पूर्वी दिल्ली के महापौर, श्री श्याम सुंदर अग्रवाल ने आज महापौर कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान, स्थायी समिति अध्य़क्ष, श्री बीर सिंह पंवार और पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष, श्री संदीप कपूर भी मौजूद रहे। प्रेस वार्ता के दौरान महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं जिसका जीता जागता उदाहरण रजिस्ट्रार कार्यालय है। जहाँ रजिस्ट्रार की नियुक्ति डिवीजनल कमिश्नर के माध्यम से दलाल करवाते हैं। यही दलाल तय करते है कि रजिस्ट्रार तो सिर्फ मुखौटा बनकर रहता है जिसके बदले में रजिस्ट्रार को कुछ प्रतिशत मिलता है। प्रत्येक रजिस्ट्रार कार्यालय की अलग-अलग कीमत तय होती है जिस कार्यालय में जितना ज्यादा काम उस कार्यालय की कीमत उतनी ज्यादा, यह सभी कार्य दिल्ली सरकार के राजस्व मंत्री के अन्तर्गत आते है। प्रमुख भूमिका दलाल की होती है सभी अवैध कार्य दिल्ली सरकार का मंत्रालय डिविजनल कमिश्नर दलाल के माध्यम से मिलकर अपने चहेतो को रजिस्ट्रार कार्यालय में लगवाते है। पहले ही सूची तैयार कर ली जाती है, किस काम के कितने पैसे लगेंगे ? सरकारी भूमि की रजिस्ट्री के कितने पैसे, निगम द्वारा सील / बुक प्रोपर्टी के कितने पैसे, चौथी-पाँचवी-छठी मंजिल के कितने पैसे, इसी प्रकार अन्य अवैध कार्यों के पैसे लिए जाते है। जितना बड़ा अवैध कार्य उतने ज्यादा पैसे, काम कितना भी गलत हो सब संभव है, बस कीमत लगेगी। पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा हर महीने एक सूची जारी की जाती है और जिन संपत्तियों को बुक किया जाता है और सील किया जाता है उसकी सूची रजिस्ट्रार कार्यालय को भेज दी जाती है ताकि इनकी रजिस्ट्री किसी भी कीमत पर न हों। लेकिन बिल्डिंग माफियाओं से मिलकर रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी बिना जांच किए किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री कर देते हैं चाहे वह सरकारी जमीन ही क्यों न हो। इसका हिस्सा दिल्ली सरकार के मंत्री व विधायकों में बंट जाता है। कायदे से रजिस्ट्रार कार्यालयों को निगम से प्राप्त सूची के अनुसार बुक व सील की गयी संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं करनी चाहिए या लाल निशान लगा देना चाहिए और इनकी रजिस्ट्री नहीं करनी चाहिए। जो लोग ऐसी संपत्तियों को खरीदते हैं और रिश्वत देकर रजिस्ट्री करवाते हैं उन्हें बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि इनमें बिजली का मीटर व पानी का कनेक्शन नहीं लग पाता। सीलिंग की तलवार उनपर जीवनभर लटकी रहती है। उनके जीवन भर की कमाई लाखों, करोड़ों रुपए की प्रोपर्टी खरीदने के बाद जब उन्हें जानकारी मिलती है कि उनकी संपत्ति पर बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं मिल सकता या प्रोपर्टी नहीं बिक सकती तो वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। मैं पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के निवासियों से अपील करना चाहता हूं कि यदि कोई भी व्यक्ति अपनी प्रोपर्टी खरीदना चाहता है तो पहले एमसीडी से जांच करा ले कि प्रोपर्टी बुक या सील तो नहीं है ताकि उन्हें कोई नुकसान न हो, उनका पैसा व्यर्थ न जाए। संपत्ति खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि मकान रिहायशी हो, चार मंजिला से ज्यादा न बना हो, उसमें पार्किंग बनी हुई हो क्योंकि बिल्डर माफिया अपने निजी लाभ के लिए 4 की बजाए 5 से 6, 7 मंजिल तक बिल्डिंग बना रहे हैं और पार्किंग को भी रिहायशी में ग्राउंड फ्लोर दिखाकर बेच दे रहे हैं। इसके कारण मेहनत से एक एक पैसा जमा करके अपनी ज़िंदगी भर की कमाई लगाकर ऐसी संपत्ति खरीदने वाले लोग ठगे से महसूस करते हैं। इसलिए सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। सभी लोग संपत्ति खरीदने के समय इन बातों को ध्यान में रखेः- * 3rd Floor से ऊपर की रजिस्ट्री नही हो सकती लेकिन 3rd न लिखकर Top Floor लिख देते है। इसकी आड़ में चौथी, पाँचवीं, छठी मंजिल लिख देते है। * यदि प्रोपर्टी चार से ज्यादा मंजिल बनी है तो वह प्रोपर्टी न खरीदें। * यदि पार्किंग के अलावा चार मंजिल है तो प्रोपर्टी ली जा सकती है। यदि पार्किंग के स्थान पर मकान अथवा दुकान बना दी है तो प्रोपर्टी न लें। महापौर ने कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालय में बिना पैसे के कोई भी रजिस्ट्री नहीं होती है। पैसे लेकर सरकारी जमीनों की भी रजिस्ट्री कर दी जाती है। दिल्ली सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने इस विषय में निगमायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि वर्ष 2007 के बाद जितनी भी संपत्तियां बुक की गई हैं और सील की गई हैं उसकी सूची निगम के वेबसाईट पर डाल दी जाए ताकि कोई भी व्यक्ति वेबसाईट पर जाकर इसे देख सके। यदि सील अथवा बुक हो तो प्रोपर्टी न खरीदें। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा तथा इससे निगम अधिकारी किसी को भी प्रोपर्टी चेक करने के नाम पर उनका शोषण नहीं कर पायेंगे । महापौर ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार लोगो से झूठे वादे करने की आदी है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल ने वादा किया था कि 11 हजार नई डीटीसी बसें चलाई जाएंगी जबकि असल में डीटीसी के पास केवल 3670 बसें हैं पिछले सात सालों में डीटीसी का घाटा 11 हजार करोड़ रूपए हो चुका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 7 सालों में एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया। केजरीवाल सरकार ने 7 सालों में एक भी नया स्कूल नहीं खुलवाया बल्कि कई स्कूल बंद किए। महापौर ने कहा कि दिल्ली की जनता श्री केजरीवाल की असलियत समझ चुकी है और आने वाले चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।






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