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समाजवादी पारà¥à¤Ÿà¥€ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ अखिलेश यादव ने सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤—र में कोडरा गà¥à¤°à¤¾à¤‚ट पहà¥à¤‚चकर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दबिश के दौरान 14 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2022 की रात पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की गोली से हà¥à¤ˆ महिला की मृतà¥à¤¯à¥ पर शोक संतपà¥à¤¤ परिवार से à¤à¥‡à¤‚ट की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परिवार को नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ दिलाने के लिठउनका साथ देने का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ दिलाया।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा मामले में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ लीपापोती न कर सके इसके लिठइस काणà¥à¤¡ की जांच हाईकोरà¥à¤Ÿ के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जज की निगरानी में होनी चाहिà¤à¥¤ यह मसला वे विधानसà¤à¤¾ में à¤à¥€ उठाà¤à¤‚गे। यह घटना शरà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤• है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में लगातार à¤à¤¸à¥€ घटनाà¤à¤‚ हो रही है। चंदौली में फांसी लगाने की कहानी पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने बनाई। ललितपà¥à¤° में थाने में दारोगा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बलातà¥à¤•ार का आरोप है। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ फरà¥à¤œà¥€ à¤à¤¨à¤•ाउंटर के लिठबदनाम है। हिरासत में कई मौतें हà¥à¤ˆ हैं।
शà¥à¤°à¥€ अखिलेश यादव ने कहा कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ राज में गरीब की कमर महंगाई ने तोड़ दी है जबकि उदà¥à¤¯à¥‹à¤—पतियों की पौबारह है। खà¥à¤¦à¤°à¤¾ महंगाई के बाद थोक महंगाई दर 30 साल में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बà¥à¥€ है। पेटà¥à¤°à¥‹à¤²-डीजल, रसोई गैस के साथ परिवहन, खाने-पीने का सामान, आटा, तेल, बिजली के दामों में à¤à¤¾à¤°à¥€ वृदà¥à¤§à¤¿ होने से घरेलू अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पूरी तरह चौपट हो गई है। नोटबंदी और जीà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ ने छोटे उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों को बंदी के कगार पर पहले ही पहà¥à¤‚चा दिया है।
गेहूं की सरकारी खरीद की जगह उदà¥à¤¯à¥‹à¤—पतियों को गेहूं बिकवाने के पीछे à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार का इरादा है कि गरीब तक पूरा अनाज न पहà¥à¤‚चे। पांच बड़ी कमà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने किसानों से औने-पौने दाम पर गेहूं खरीद लिया। अब वे इसी गेहूं को मनमाने दाम पर बेचकर à¤à¤¾à¤°à¥€ मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ कमाà¤à¤‚गे। मà¥à¤«à¥à¤¤ राशन वितरण के नाम पर अब गरीबों को धोखा दिया जा रहा है। तमाम गरीबों को अपातà¥à¤° बताकर उनसे वसूली की मà¥à¤¨à¤¾à¤¦à¥€ की जा रही है। जब किसानों से गेहूं खरीदा तो उसकी कीमत 12 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो थी और अब राशन कारà¥à¤¡ के बहाने लोगों से रूपये 24 पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो की दर से वसूली होनी है। गेहूं है नहीं लिठराशन से गेहूं हटा दिया गया।
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार को महंगाई, गरीब की रोजी-रोटी की चिंता नहीं वह नफरत और परसà¥à¤ªà¤° वैमनसà¥à¤¯ की राजनीति के सहारे बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ से धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ हटाने की साजिश कर रही है। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ महंगाई के सवाल से à¤à¤¾à¤— रही है। समाज में à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾ मजबूत करने के बजाठà¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾-आरà¤à¤¸à¤à¤¸ समाज को बांटने की साजिश करने में लगी है। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ चाहती है कि जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤ªà¥€ के मामले में नौजवान उलà¤à¥‡ रहें। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रोजगार के बारे में जवाब न देना पड़े। विकास के लिठशांति-सौहारà¥à¤¦ की जरूरत होती है। चूंकि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को विकास में कोई रà¥à¤šà¤¿ नहीं है इसलिठवह समाज में सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•ता का विषाकà¥à¤¤ वातावरण पैदा करना चाहती है।
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