समाचार ब्यूरो
13/05/2022  :  19:55 HH:MM
हरमीत सिंह कालका व जगदीप सिंह काहलों ने दस्तावेज़ जारी कर अवतार सिंह हित व कुलमोहन सिंह द्वारा बोले गए झूठ को किया बेनकाब
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डॉ. भानु मूर्ति द्वारा अनुवादित बाणी के स्वरूप अवतार सिंह हित के अध्यक्ष कार्यकाल के दौरान छपे
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने अकाली नेता अवतार सिंह हित व कुलमोहन सिंह द्वारा जपुजी साहिब के 14 भाषाओं में अनुवाद के बुकलेट ना छपे होने के बारे में किये गये दावों को नकारते हुए इन बुकलेट की कॉपियां मीडिया के समक्ष पेश कर इनका झूठ बेनकाब किया और साथ ही सरना बंधूओं व जागो पार्टी के मनजीत सिंह जी.के को सवाल करते हुए पूछा है कि वह बादल परिवार के नज़दीक तो हो रहे हैं पर वह संगत को बताएं कि क्या बरगाड़ी तथा बहिबल कलों के आरोपी पकड़े गए हैं। आज यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए स. कालका व स. काहलों ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि अवतार सिंह हित व कुलमोहन सिंह यह दावा कर रहे हैं कि डा. भानू मुर्ति द्वारा किये अनुवाद की कॉपियां कभी नहीं छपी। जबकि वास्तविकता में मूर्ति द्वारा किये अनुवाद की कॉपियां दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पास सैंकड़ों की संख्या में मौजूद हैं जिनमें अन्य भाषाओं के अलावा मलयालम और गुजराती भाषाएं भी शामिल हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि अवतार सिंह हित व कुलमोहन सिंह पंथ को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जो भी सच्चाई है हमनें सबूतों सहित ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश की है और उनसे अनुरोध किया है कि पंथक जत्थेबंदियों के साथ विचार-विमर्श कर मामले में कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह गुरबाणी का उसी प्रकार निरादर है जैसे अमेरिकी निवासी थमिंदर सिंह आनंद व कनाडा के निवासी ओंकार सिंह ने किया है। उन्होंने कहा कि जब अवतार सिंह हित द्वारा दिल्ली कमेटी की अध्यक्षता के समय गुनाह किया गया तो उसके बाद परमजीत सिंह सरना कमेटी के अध्यक्ष बने और तत्कालीन जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती ने भी इस मामले में सरना को पत्र लिख कर मामले के बारे में बात की थी जिसका दफ्तरी रिकार्ड मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि 19 मार्च 2002 को एक निमंत्रण पत्र अवतार सिंह हित व कुलमोहन सिंह द्वारा जारी किया गया जिसके मुताबिक यह कार्यक्रम 25 मार्च 2002 को अंबेडकर आडिटोरियम में हुआ जिसमें गुरबाणी के 14 भाषाओं में अनुवाद किये गुटके रीलीज़ किये गये। उन्होंने कहा कि अवतार सिंह हित इकलौते वह व्यक्ति हैं जिन्हें सब से अधिक श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया गया चाहे 1984 के गवाहों का मामला हो या फिर हरी नगर स्कूल का व कोई अन्य। सरना बंधूओं पर बरसते हुए स. कालका व स. काहलों ने कहा कि आज सरना बंधू व मनजीत सिंह जी.के अकाली दल खास तौर पर बादल परिवार के नज़दीकी होने का प्रयास कर रहे हैं पर वह पूछना चाहते हैं कि बरगाड़ी व बहिबल कलां का मामला वह अपने भाषणों में उठाते रहे हैं क्या वह हल हो गया है, क्या इन मामलों के दोषी गिरफ्तार हो गए? उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि यह सभी गुट आपसी लाभ लेने के लिए एकत्र हो रही हैं। स. कालका व स. काहलों ने यह भी सवाल किया कि दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर में अकाली दल के कार्यालय पर कब्ज़ा कर जो श्री अखंड पाठ साहिब की श्रंख्ला आरंभ की गई हैं उसमें ना तो अरदास की जा रही है ना श्री अनंद साहिब के पाठ हो रहे हैं क्या यह निरादर नहीं है। दोनों नेताओं ने दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के चुने हुए सदस्यों के प्रति सरना बंधूओं द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण शब्दावली इस्तेमाल करने की भी पुरज़ोर निंदा की।






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