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दिलà¥à¤²à¥€ ने पिछले 7 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में दिखाया है कि तीन करोड़ लोगों का शहर आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के साथ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾, समावेश और सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ की दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर सकता है- आतिशी विधायक आतिशी ने आज सà¥à¤µà¥€à¤¡à¤¨ के मालà¥à¤®à¥‹ शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में आईसीà¤à¤²à¤ˆà¤†à¤ˆ वरà¥à¤²à¥à¤¡ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ 2022 को संबोधित किया। दिलà¥à¤²à¥€ में केजरीवाल सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठविकास से रà¥à¤¬à¤°à¥ कराया। दिलà¥à¤²à¥€ मॉडल के तहत राजà¥à¤¯ के बदलाव के बारे में बात करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अगर तीन करोड़ निवासियों वाला शहर दिलà¥à¤²à¥€ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और समावेश की ओर बढ़ सकता है, तो मेरा मानना है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का हर शहर à¤à¤¸à¤¾ कर सकता है। विधायक आतिशी ने कहा कि दिलà¥à¤²à¥€ ने पिछले 7 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में दिखाया है कि तीन करोड़ लोगों का शहर आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के साथ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾, समावेश और सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ की दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर सकता है। दिलà¥à¤²à¥€ में पिछले चार साल से सरकारी सà¥à¤•ूलों का परिणाम निजी सà¥à¤•ूलों से बेहतर रहा है। दिलà¥à¤²à¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आय देश के बाकी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में तीन गà¥à¤¨à¤¾ अधिक है और पिछले दशक में राजà¥à¤¯ के सकल घरेलू उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ में 150 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ की बढ़ोतरी हà¥à¤ˆ है। दिलà¥à¤²à¥€ सरकार अपनी कà¥à¤¶à¤² बजट पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन नीतियों और वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ विवेक के साथ सरकारी सबà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥€ के साथ-साथ शिकà¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ देखà¤à¤¾à¤² पर खरà¥à¤š को लगातार बढ़ा रही है
विधायक आतिशी ने कहा कि हम आज मालà¥à¤®à¥‹ शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में समानता और समावेश पर चरà¥à¤šà¤¾ करने के लिठà¤à¤•तà¥à¤° हà¥à¤ हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिठकि हम असमानता की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में रहते हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में 3 में से 1 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पास पीने का साफ पानी नहीं है। 2022 में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में 20 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार होने जा रहे हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की 85 फीसदी आबादी के पास दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की 1 फीसदी आबादी के लिठउपलबà¥à¤§ संसाधनों का आधा à¤à¥€ नहीं है। विशेष रूप से विशà¥à¤µ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ के शहर इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कà¥à¤› सबसे बड़ी असमानताओं का सामना करते हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के शहरों में रहने वाले कई लोगों की पानी, बिजली, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, शिकà¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ सेवा जैसी बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ज़रूरतों तक पहà¥à¤‚च सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ नहीं है। जैसे-जैसे शहरों में जनसंखà¥à¤¯à¤¾ बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ये असमानताà¤à¤‚ और अंतर और गहराते जा रहे हैं। हम अधिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¸à¤‚गत और समावेशी शहरों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना चाहते हैं। हमसे अकà¥à¤¸à¤° पूछा जाता है कà¥à¤¯à¤¾ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास की कीमत पर निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾, समावेश और सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ आà¤à¤—ी?
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लà¥à¤²à¥€ ने पिछले सात वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में दिखाया है कि दोनों संà¤à¤µ हैं। तीन करोड़ निवासियों का शहर शानदार आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास दिखाते हà¥à¤ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾, समावेश और सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ की दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर सकता है। 2015 में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अरविंद केजरीवाल के नेतृतà¥à¤µ में दिलà¥à¤²à¥€ में आम आदमियों के लिठà¤à¤• नई पारà¥à¤Ÿà¥€ यानी 'आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€' सतà¥à¤¤à¤¾ में आई। हमें कई चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ा। बिजली की कटौती अकà¥à¤¸à¤° होती थी, बिजली की दरें बहà¥à¤¤ अधिक थी। à¤à¤• सीमित आबादी के पास पाइप से पीने का पानी और उचित सीवरेज सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ थीं। सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ लगà¤à¤— न के बराबर थी। लगà¤à¤— 15 लाख छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ वाले पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•ूलों में लड़कों और लड़कियों के लिठà¤à¤• अलग शौचालय और उचà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° के शिकà¥à¤·à¤•ों की गैरमौजूदगी जैसी सबसे बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं का अà¤à¤¾à¤µ था। अधिकांश आबादी "अनधिकृत" माने जाने वाले कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में रहती थी और इसलिठविकास से वंचित थी। पिछले सात सालों में दिलà¥à¤²à¥€ की अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह सब बदल दिया है।
उसने आगे कहा कि सरकारी सà¥à¤•ूल जो 2015 में जीरà¥à¤£-शीरà¥à¤£ दिख रहे थे। आज सात साल बाद असमानता के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बने ये विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ देश के किसी à¤à¥€ निजी सà¥à¤•ूल की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बेहतर दिखते हैं। पिछले चार साल से सरकारी सà¥à¤•ूलों का परिणाम निजी सà¥à¤•ूलों से बेहतर रहा है। पिछले साल दो लाख छातà¥à¤° निजी सà¥à¤•ूलों से सरकारी सà¥à¤•ूलों में शिफà¥à¤Ÿ हà¥à¤ थे। आज शहर की सà¤à¥€ आबादी के पास "मोहलà¥à¤²à¤¾ कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤•" नामक पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ देखà¤à¤¾à¤² केंदà¥à¤° हैं, जहां नागरिकों को à¤à¤• योगà¥à¤¯ डॉकà¥à¤Ÿà¤° से मà¥à¤«à¥à¤¤ परामरà¥à¤¶ और मà¥à¤«à¥à¤¤ परीकà¥à¤·à¤£ और दवाà¤à¤‚ मिलती हैं। पिछले पांच वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में 5 करोड़ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों ने परामरà¥à¤¶ लिया है। अब हमारे पास 24x7 बिजली है और देश में सबसे कम बिजली की दर है। 1,500 से अधिक आवासीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में पहली बार पाइप से जलापूरà¥à¤¤à¤¿ की गई है। 500 से अधिक आवासीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को पहली बार सीवरेज नेटवरà¥à¤• से जोड़ा गया है।
विधायक ने आगे कहा कि यह सब à¤à¤• ही समय में बढ़ते राजसà¥à¤µ और बजट के साथ हासिल किया गया है। दिलà¥à¤²à¥€ का कà¥à¤² बजट 300 अरब रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (2015 में) से बढ़कर 750 अरब (2022 में) हो गया है। हर साल, दिलà¥à¤²à¥€ सरकार ने अपने राजसà¥à¤µ में बढ़ोतरी की है और राजसà¥à¤µ-अधिशेष बजट रखा है। दिलà¥à¤²à¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आय देश के बाकी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में तीन गà¥à¤¨à¤¾ अधिक है और पिछले दशक में राजà¥à¤¯ के सकल घरेलू उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ में 150 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ की वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ है। हमारा मानना है कि सतत विकास के सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पहलà¥à¤“ं में से à¤à¤• सतत वितà¥à¤¤ है। दिलà¥à¤²à¥€ सरकार, अपनी कà¥à¤¶à¤² बजट पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन नीतियों और वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ विवेक के साथ, सरकारी सबà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥€ के साथ-साथ शिकà¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ देखà¤à¤¾à¤² पर खरà¥à¤š को लगातार बढ़ा रही है। यही कारण है कि दिलà¥à¤²à¥€ में आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास हà¥à¤† है। अगर तीन करोड़ निवासियों वाला शहर दिलà¥à¤²à¥€ निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और समावेश की ओर बढ़ सकता है, तो मेरा मानना है कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का हर शहर à¤à¤¸à¤¾ कर सकता है।
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