समाचार ब्यूरो
13/05/2022  :  18:00 HH:MM
विधायक आतिशी ने स्वीडन के माल्मो शिखर सम्मेलन में आईसीएलईआई विश्व कांग्रेस 2022 को किया संबोधित, दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए विकास से रुबरु कराया
Total View  1420

दिल्ली ने पिछले 7 वर्षों में दिखाया है कि तीन करोड़ लोगों का शहर आर्थिक विकास के साथ निष्पक्षता, समावेश और स्थिरता की दिशा में प्रयास कर सकता है- आतिशी
विधायक आतिशी ने आज स्वीडन के माल्मो शिखर सम्मेलन में आईसीएलईआई वर्ल्ड कांग्रेस 2022 को संबोधित किया। दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए विकास से रुबरु कराया। दिल्ली मॉडल के तहत राज्य के बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर तीन करोड़ निवासियों वाला शहर दिल्ली निष्पक्षता और समावेश की ओर बढ़ सकता है, तो मेरा मानना है कि दुनिया का हर शहर ऐसा कर सकता है। विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली ने पिछले 7 वर्षों में दिखाया है कि तीन करोड़ लोगों का शहर आर्थिक विकास के साथ निष्पक्षता, समावेश और स्थिरता की दिशा में प्रयास कर सकता है। दिल्ली में पिछले चार साल से सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय देश के बाकी हिस्सों की तुलना में तीन गुना अधिक है और पिछले दशक में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली सरकार अपनी कुशल बजट प्रबंधन नीतियों और वित्तीय विवेक के साथ सरकारी सब्सिडी के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च को लगातार बढ़ा रही है विधायक आतिशी ने कहा कि हम आज माल्मो शिखर सम्मेलन में समानता और समावेश पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि हम असमानता की दुनिया में रहते हैं। दुनिया में 3 में से 1 व्यक्ति के पास पीने का साफ पानी नहीं है। 2022 में दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार होने जा रहे हैं। दुनिया की 85 फीसदी आबादी के पास दुनिया की 1 फीसदी आबादी के लिए उपलब्ध संसाधनों का आधा भी नहीं है। विशेष रूप से विश्व के दक्षिण के शहर इस दुनिया में कुछ सबसे बड़ी असमानताओं का सामना करते हैं। दुनिया भर के शहरों में रहने वाले कई लोगों की पानी, बिजली, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी ज़रूरतों तक पहुंच सुनिश्चित नहीं है। जैसे-जैसे शहरों में जनसंख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ये असमानताएं और अंतर और गहराते जा रहे हैं। हम अधिक न्यायसंगत और समावेशी शहरों का निर्माण करना चाहते हैं। हमसे अक्सर पूछा जाता है क्या आर्थिक विकास की कीमत पर निष्पक्षता, समावेश और स्थिरता आएगी? उन्होंने कहा कि ल्ली ने पिछले सात वर्षों में दिखाया है कि दोनों संभव हैं। तीन करोड़ निवासियों का शहर शानदार आर्थिक विकास दिखाते हुए निष्पक्षता, समावेश और स्थिरता की दिशा में प्रयास कर सकता है। 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमियों के लिए एक नई पार्टी यानी 'आम आदमी पार्टी' सत्ता में आई। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बिजली की कटौती अक्सर होती थी, बिजली की दरें बहुत अधिक थी। एक सीमित आबादी के पास पाइप से पीने का पानी और उचित सीवरेज सुविधाएं थीं। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली लगभग न के बराबर थी। लगभग 15 लाख छात्रों वाले पब्लिक स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए एक अलग शौचालय और उच्च स्तर के शिक्षकों की गैरमौजूदगी जैसी सबसे बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। अधिकांश आबादी "अनधिकृत" माने जाने वाले क्षेत्रों में रहती थी और इसलिए विकास से वंचित थी। पिछले सात सालों में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह सब बदल दिया है। उसने आगे कहा कि सरकारी स्कूल जो 2015 में जीर्ण-शीर्ण दिख रहे थे। आज सात साल बाद असमानता के प्रतीक बने ये विद्यालय देश के किसी भी निजी स्कूल की तुलना में बेहतर दिखते हैं। पिछले चार साल से सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। पिछले साल दो लाख छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में शिफ्ट हुए थे। आज शहर की सभी आबादी के पास "मोहल्ला क्लीनिक" नामक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र हैं, जहां नागरिकों को एक योग्य डॉक्टर से मुफ्त परामर्श और मुफ्त परीक्षण और दवाएं मिलती हैं। पिछले पांच वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने परामर्श लिया है। अब हमारे पास 24x7 बिजली है और देश में सबसे कम बिजली की दर है। 1,500 से अधिक आवासीय क्षेत्रों में पहली बार पाइप से जलापूर्ति की गई है। 500 से अधिक आवासीय क्षेत्रों को पहली बार सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा गया है। विधायक ने आगे कहा कि यह सब एक ही समय में बढ़ते राजस्व और बजट के साथ हासिल किया गया है। दिल्ली का कुल बजट 300 अरब रुपये (2015 में) से बढ़कर 750 अरब (2022 में) हो गया है। हर साल, दिल्ली सरकार ने अपने राजस्व में बढ़ोतरी की है और राजस्व-अधिशेष बजट रखा है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय देश के बाकी हिस्सों की तुलना में तीन गुना अधिक है और पिछले दशक में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारा मानना है कि सतत विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक सतत वित्त है। दिल्ली सरकार, अपनी कुशल बजट प्रबंधन नीतियों और वित्तीय विवेक के साथ, सरकारी सब्सिडी के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च को लगातार बढ़ा रही है। यही कारण है कि दिल्ली में आर्थिक विकास हुआ है। अगर तीन करोड़ निवासियों वाला शहर दिल्ली निष्पक्षता और समावेश की ओर बढ़ सकता है, तो मेरा मानना है कि दुनिया का हर शहर ऐसा कर सकता है।






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   2522019
 
     
Related Links :-
पार्श्वगायक नहीं अभिनेता बनना चाहते थे मुकेश
दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन
शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की निगरानी से करायें जांच : सुशील
स्वदेशी गाय की खरीद पर ट्रांसर्पोटेशन और बीमा का खर्च उठाएगी योगी सरकार
शंखनाद अभियान का आगाज करेगी भाजपा
आयकर विभाग की वेबसाइट नये स्वरूप में लाँच
अडानी ने लगायी गुजरात ऊर्जा निगम को 3900 करोड़ रुपए की चपत: कांग्रेस
लखनऊ रामेश्वरम रेल हादसे पर खडगे, राहुल, प्रियंका ने जताया शोक
तमिलनाडु ट्रेन हादसे पर मुर्मु ने जताया शोक
एनडीएमए ने ‘आपदा मित्रों’ को किया सम्मानित