|
देश की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ का दिल कहे जाने वाले चाà¤à¤¦à¤¨à¥€ चैक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चरती लाल गोयल हेरिटेज पारà¥à¤• में पà¥à¤°à¤¤à¤·à¥à¤ ित सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ के ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में 30 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को जल साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के अंतरà¥à¤—त ‘जल संवाद कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®â€™ का आयोजन किया गया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में बतौर मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ देश के जाने माने पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦à¥ जल पà¥à¤°à¥‚ष (वाटर मैन) डाॅ. राजेंदà¥à¤° सिंह à¤à¤µà¤‚ जल आयोग के सलाहाकार शà¥à¤°à¥€ दीपक परà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤° शामिल हà¥à¤à¥¤
समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤•ा अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ डाॅ. शोà¤à¤¾ विजेनà¥à¤¦à¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अतिथियों को पà¥à¤·à¥à¤ª गà¥à¤šà¥à¤› देकर à¤à¤µà¤‚ शाॅल ओà¥à¤¾à¤•र अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। नारी की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हो जल का संरकà¥à¤·à¤£ हो, के उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के साथ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर जल संवाद कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकिया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ जल पà¥à¤°à¥à¤· डा राजेंदà¥à¤° सिंह ने कहा कि हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ ने सदैव नदियों, तालाबों, पोखर और वाबड़ियों का उपहार दिया। अगर हमने आज इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सहेजने, संवारने की दिशा में कारà¥à¤¯ नहीं किया तो हमारी à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ हमें कà¤à¥€ माफ नहीं करेगी। जब तक हमने पानी, नारी, नदी को नारायण के रूप में समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया, तब तक हम पूरी तरह से सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ थे। लेकिन आज हम पानी का उपयोग करने के बजाठउसका दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करने में लग गठहैं। हम नदियों का निरंतर दोहन करते जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि नदियां नालों में तबà¥à¤¦à¥€à¤² होती जा रही हैं। जबकि जरूरत नदियों को नालों से मà¥à¤•à¥à¤¤ करने की है। धरती माठकी हरियाली को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठनदियों के साथ पोखर, तालाब, वाबड़ियों व अनà¥à¤¯ जल कà¥à¤‚डों को à¤à¥€ संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किठजाने की à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤•ता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि नदी के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® का काम महज नदी का काम नहीं है, बलà¥à¤•ि यह लोगों के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¨ का सवाल है। ये तà¤à¥€ संà¤à¤µ है जब हम पà¥à¤°à¤•ृति को अपने जीवन से जोड़ेंगे। हमें, हमारी सोच को पà¥à¤°à¤•ृति के साथ जोड़ना होगा। हमें लोगों को मौसम पर आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ बनने से रोकना होगा। मà¥à¤à¥‡ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ जल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ और उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लोगों से अपेकà¥à¤·à¤¾ है, कि नदियों को नदी बनाने में अपनी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका अदा करें। पानी की कीमत को समà¤à¥‡à¤‚ और दूसरों को à¤à¥€ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का à¤à¤°à¤ªà¥‚र पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करें। जल संरकà¥à¤·à¤£ और हरियाली से ही धरती पर जीवन संà¤à¤µ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ के इस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ की à¤à¥‚रि-à¤à¥‚रि पà¥à¤°à¤¸à¤‚शा की।
गांधी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ दरà¥à¤¶à¤¨ समिति के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ विजय गोयल ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि हमें जल सारकà¥à¤·à¤¤à¤¾ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देना होगा। हर सà¥à¤¤à¤° पर जल संरकà¥à¤·à¤£ को अनिवारà¥à¤¯ किया जाना चाहिà¤à¥¤ ‘जल, पोखर और तालाब को जानों’ जैसे विषयों पर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होने चाहिà¤à¤‚। जल है तो कल है, साकार करने के लिठलोगों को जल के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के लिठजागरूक करने की दिशा में कारà¥à¤¯ करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता पर à¤à¥€ बल दिया। शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ परà¥à¤¯à¤µà¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठबचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को जागरूक करने की जरूरत पर à¤à¥€ जोर दिया।
दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के पूरà¥à¤µ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ रोहिणी के लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ विधायक शà¥à¤°à¥€ विजेनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने अपने विचार रखते हà¥à¤ कहा कि मानवता के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के लिठजल अति आवशà¥à¤¯à¤• है। पानी केवल पानी ही नहीं बलà¥à¤•ि हमारे जीवन की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल à¤à¤µà¤‚ मिटà¥à¤Ÿà¥€ को हम मशीनों से तैयार नहीं कर सकते। ये पà¥à¤°à¤•ृति की देन है जिसे हमें संजोकर रखना चाहिà¤à¥¤ जल संरकà¥à¤·à¤£ और हरियाली से ही मानव जीवन संà¤à¤µ है। हमें अपने घरों से ही हो रही पानी की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ को रोकने का हर संà¤à¤µ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना होगा। आज जल संरकà¥à¤·à¤£ की महतà¥à¤¤à¤¾ को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की दिशा में समाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों को जागरूक करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दिलà¥à¤²à¥€ सरकार से à¤à¥€ अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया कि जल संरकà¥à¤·à¤£ पर कारà¥à¤¯ करने के लिठआवासीय कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ समितियों, à¤à¤¨à¤œà¥€à¤“ तथा अनà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं को धनराशि उपलबà¥à¤§ कराठतथा साथ ही साथ जल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ की जानी चाहिà¤à¥¤
जल आयोग के सलाहाकार शà¥à¤°à¥€ दीपक परà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤° ने à¤à¥€ जल संरकà¥à¤·à¤£ पर अपने विचार साà¤à¤¾ किà¤à¥¤
समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤•ा अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ डाॅ. शोà¤à¤¾ विजेनà¥à¤¦à¥à¤° ने अपने संवाद में बताया कि जल वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•ों के आंकड़ों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वरà¥à¤· 2030 में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ जल विहीन हो जाà¤à¤—ी। दिलà¥à¤²à¥€ में परंपरागत रूप से पाठजाने वाले तलाब, ताल और वाबड़ियां पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो गठहैं। मà¥à¤–à¥à¤¯ शहर को यदि छोड़ à¤à¥€ दें तो दिलà¥à¤²à¥€ के गांवों में à¤à¥€ आज तालाब, ताल और बावड़ियां उपलबà¥à¤§ नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वैटलैंड अथाॅरिटी की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° 252 जल सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ आज पूरी तरह से अतिकà¥à¤°à¤®à¤£ का शिकार हो गठहैं। आज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बहà¥à¤¤ गंà¤à¥€à¤° है। à¤à¥‡à¤¸à¥‡ में नारी और पà¥à¤°à¤•ृति के सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•रण और संरकà¥à¤·à¤£ के लिठपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने की नितांत आवशà¥à¤¯à¤•ता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जल संवाद में अपना कीमती समय निकालकर आठसà¤à¥€ वकà¥à¤¤à¤¾à¤“ं, गणमानà¥à¤¯ अतिथियों और देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ से आठजल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया।
मौके पर जल संरकà¥à¤·à¤£ से जà¥à¥œà¥€ à¤à¤• लघà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤•ा की जल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ दी।
देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤‚तों के 750 जिलों से आठसà¤à¥€ जल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने इस जल संवाद कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¾à¤— लिया।
इस अवसर पर जल मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ-साथ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनसमूह ने समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ जल पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾ के रूप में मृत पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ होती मिटà¥à¤Ÿà¥€ की नमी पà¥à¤¨à¤ƒ लौटाने का संकलà¥à¤ª लिया। अंत में सà¤à¥€ ने नारी का संरकà¥à¤·à¤£ हो, जल का संचयन हो, के नारे लगाà¤à¥¤
|