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शालीमार बाग वारà¥à¤¡ 63 के लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ पारà¥à¤·à¤¦ शà¥à¤°à¥€ तिलक राज कटारिया जी की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ नगर निगम पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤.सी. बà¥à¤²à¥‰à¤• में सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ बोरà¥à¤¡ à¤à¥‡à¤‚ट उतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया - जिसमें सेफ़ à¤à¤•à¥à¤¸ केमिकल पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ बोरà¥à¤¡ à¤à¥‡à¤‚ट दिया गठजिससे विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤° नई टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ से शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकें ।
इस समारोह में उतà¥à¤¤à¤°à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ नगर निगम के à¤à¤¡à¥€à¤¶à¤¨à¤² कमिशà¥à¤¨à¤° शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¨à¥€à¤² à¤à¤¾à¤¦à¥‚ जी, केशव पà¥à¤°à¤® जोन के उपायà¥à¤•à¥à¤¤ नवीन अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी, केशव पà¥à¤°à¤® जोन के à¤à¤œà¥à¤•ेशन डिपà¥à¤Ÿà¥€ डायरेकà¥à¤Ÿà¤° सà¥à¤œà¤¾à¤¤à¤¾ मलिक जी, केशव पà¥à¤°à¤® जोन के असिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट कमिशà¥à¤¨à¤° पी.के. सिंह जी, सेफ à¤à¤•à¥à¤¸ केमिकल कंपनी के निदेशक à¤à¤¸.के. चौधरी जी, वीना जिंदल जी, पीयूष जिंदल जी , à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के केशव पà¥à¤°à¤® जोन के जिला अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राजकà¥à¤®à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ जी, शालीमार बाग़ के निगम के सà¥à¤•ूलों की सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• , à¤à¤µà¤‚ निगम के सà¤à¥€ अधिकारी à¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे ।
इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में तिलक राज कटारिया जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सà¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ बढ़ चढ़कर à¤à¤¾à¤— लिया और विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को 300 लंच बॉकà¥à¤¸ और विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ को à¤à¥€ शीलà¥à¤¡ दी गई शà¥à¤°à¥€à¥¤
तिलक राज कटारिया ने बोलते हà¥à¤ कहा की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी के सपनो का à¤à¤¾à¤°à¤¤ - डिजिटल व आतà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° बनाने की राह पर वारà¥à¤¡ 63 ने à¤à¤• मज़बूत कदम उठाया हैं | शालीमार बाग वारà¥à¤¡ 63 à¤à¤¸à¤¾ पहला वारà¥à¤¡ है जिसमें की नगर निगम के सà¤à¥€ सà¥à¤•ूलों में सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ बोरà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ देने के कारà¥à¤¯ को सफलता दिलवाई हैं| “
शà¥à¤°à¥€ कटारिया ने आगे बताया “ उनका 5 साल का कारà¥à¤¯à¤•ाल सफलतापूरà¥à¤µà¤• रहा जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आदरà¥à¤¶ मारà¥à¤•ेट , आदरà¥à¤¶ चिलà¥à¤¡à¥à¤°à¤¨ पारà¥à¤• , हेरिटेज लाईबà¥à¤°à¥‡à¤°à¥€, अनेक ओपन जिम , पà¥à¤²à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ , बà¥à¤²à¥‹à¤•ो के मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° , अटल रसोई, कà¥à¤¡à¤¼à¥‡ के निपटान के लिठकमà¥à¤ªà¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤° , पारà¥à¤•ों में सà¥à¤Ÿà¥€à¤² बेंच , वरिषà¥à¤ नागरिक मनोरंजन केंदà¥à¤° , फ़à¥à¤°à¥€ पारà¥à¤•िंग , आई â¤ï¸ शालीमार बाग़, आई â¤ï¸ माई दिलà¥à¤²à¥€ और आई â¤ï¸ माई इंडिया सेलà¥à¤«à¤¼à¥€ वेनà¥à¤¯à¥‚ , खà¥à¤²à¥‡ में सोच मà¥à¤•à¥à¤¤ के लिठअनेक शौचालय , डारà¥à¤• सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿà¥à¤¸ के लिठनठपोल आदि के कारà¥à¤¯ करवाठ। मेरे इस कारà¥à¤¯à¤•ाल में 25 करोड़ रà¥à¤ªà¤ से अधिक के विकास कारà¥à¤¯ संपनà¥à¤¨ हà¥à¤ हैं उनकी बà¥à¤²à¥‰à¤• के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा आप सब को पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ कर दी गई है ।
मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ 2017 में आपने मà¥à¤à¥‡ निगम पारà¥à¤·à¤¦ के रूप में अपना सेवक निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया था । मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ जब आज निगम का 5 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•ाल पूरा हो रहा है तो मन में à¤à¤• संतोष है के अनेकों उतार-चढ़ाव देखते हà¥à¤ à¤à¥€ अनेक चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से दो-दो हाथ करके बेदाग सेवा करने का जीवन जीने का à¤à¤• नठअंदाज की अनà¥à¤à¥‚ति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ है यूं तो निगम के 5 वरà¥à¤· मिला करके गत 51 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सेवा करते करते जो अनà¥à¤à¥‚तियां अनà¥à¤à¤µ मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ उस धरोहर को संà¤à¤¾à¤² कर रखते हà¥à¤ इस निषà¥à¤•रà¥à¤· पर पहà¥à¤‚चा हूं की मातृरी à¤à¥‚मि का समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ दीप मैं चाह मेरी यह के बस जलता रहा हूं, सतत सेवा की है और जीवन के अंतिम कà¥à¤·à¤£ तक यह सेवा à¤à¤¾à¤µ बना रहे पà¥à¤°à¤à¥ से यही कामना करता हूं जीवन के इस सफर में कà¥à¤› लोग खà¥à¤¶ हà¥à¤ होंगे और कà¥à¤› नाराज à¤à¥€ हà¥à¤ होंगे हो सकते हैं मैं तो दोनों को ही वंदन करता हूं यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ किसी कवि ने कहा कि रोशनी होते ही अंधेरे रूठजाते हैं परंतॠमैं सोचता हूं रात रात à¤à¤° आशा का जब दीप मचलता है तो तम से कà¥à¤¯à¤¾ घबराना सूरज रोज निकलता है आपने मà¥à¤à¥‡ अपना सेवक बनाया मैं आपके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करता हूं । मेरी सिनसेरिटी पनिशमेंट ना बन जाà¤à¤‚ इसकी अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ जरूर रखता हूं अपना सौहारà¥à¤¦ बनाठरखें यही कामना है मैं तो बस यही सोचता हूं सेवक का सेवा करना ही अधिकार होता है और इस अधिकार की à¤à¤°à¤ªà¤¾à¤ˆ आप सब के सहयोग से शरीर के आखिरी बूंद तक पूरा करने का सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ à¤à¤—वान हम सबको दे इसी कामना के साथ कà¥à¤› पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अपनी मन की पीड़ा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करता हूं "कà¥à¤¯à¤¾ खोया कà¥à¤¯à¤¾ पाया जग मे, मिलते और बिछड़ते मग में नहीं है अब कोई शिकायत यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ छला गया पग पग में अतः मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ गà¥à¤œà¤° जाते हैं खूबसूरत लमहे यूं ही मà¥à¤¸à¤¾à¤«à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ की तरह, यादें खड़ी रह जाती हैं रà¥à¤•े हà¥à¤ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की तरह, जिंदगी का बहà¥à¤¤ बड़ा रहसà¥à¤¯ यह है की हम तो जानते हैं कि हम किसके लिठजी रहे हैं, लेकिन यह कà¤à¥€ नहीं जान पाते की हमारे लिठकौन जी रहा है ।
इस उतà¥à¤¸à¤µ में अनà¥à¤¯ गणमानà¥à¤¯ नागरिक à¤à¥€ शामिल थे जैसे पमà¥à¤®à¥€ नारंग जी, सà¥à¤à¤¾à¤· रूंगटा जी, धरà¥à¤®à¤µà¥€à¤° गौतम जी, विजय बंसल जी, अजय जैन जी, राजकà¥à¤®à¤¾à¤° अरोड़ा जी, विनोद वरà¥à¤®à¤¾ जी, राकेश कंसल जी, कामिनी नंदा जी, सà¥à¤®à¤¨ बाला जी, कमल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी, संजीव गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी, ललित अरोड़ा जी, अतà¥à¤² गरà¥à¤— जी à¤à¥€ शामिल थे ।
अंत में शà¥à¤°à¥€ तिलक राज कटारिया जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सबका धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया गया और इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की सà¤à¥€ गणमानà¥à¤¯ लोगों ने काफी पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की ।
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