समाचार ब्यूरो
19/04/2022  :  20:36 HH:MM
केजरीवाल सरकार का शिक्षा गीत शिक्षा से जुड़े हर व्यक्ति को समझाएगा शिक्षा का असली मकसद
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केजरीवाल सरकार ने एजुकेशन को लेकर अपने विज़न व प्रेरणा पर आधारित 'दिल्ली एजुकेशन सॉन्ग' को लांच किया। ' ये नन्हे फूल ही इक दिन नया भारत बनाएंगे, इरादा कर लिया है हम इन्हें ऐसा पढ़ाएंगे' की लिरिक्स के साथ ये सॉन्ग के माध्यम से केजरीवाल सरकार हर बच्चों को उनके पढ़ने-लिखने के असल मकसद से परिचित करवाना चाहती है| मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने इस सॉन्ग' को लांच किया। इस अवसर पर श्री सिसोदिया ने कहा कि एक इंसान अपने जीवन के महत्वपूर्ण 20 साल शिक्षा को देता है लेकिन 20 साल लम्बी शिक्षा देकर हम चाहते क्या हैं? हमारा इरादा क्या है? बच्चा, माता-पिता, समाज और राष्ट्र शिक्षा से चाहते क्या है? इन्हीं सवालों का जबाब ये शिक्षा गीत देगा| उन्होंने कहा कि शायद ही दुनिया में शिक्षा से जुड़ा ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो इस गीत को सुनकर ये नहीं सोचेगा कि उसकी पढ़ाई का असल इरादा वहीँ था जो इस गीत में है| उन्होंने कहा कि दिल्ली का शिक्षा गीत केवल एक गीत नहीं बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का संकल्प है कि हम सब मिलकर अपने बच्चों को कैसी शिक्षा देंगे ये इरादा है कि उन्हें कैसे पढ़ाएंगे| उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली का शिक्षा विभाग देश व दुनिया का पहला ऐसा शिक्षा विभाग होगा जिसने अपना शिक्षा गीत बनाया है| पिछले 5-7 साल से दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में रोज नए बदलाव आए है| सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग प्राइवेट स्कूलों से भी शानदार हो गई है लेकिन क्या शिक्षा का इरादा केवल 5 स्टार चमचमाते स्कूल बिल्डिंग बनाना व सुविधाएं देना है? क्या शिक्षा का इरादा केवल अच्छे नतीजे लेकर आना है? बच्चों का आईआईटी, लॉ, मैनेजमेंट, मेडिकल जैसे क्षेत्रों में चयनित होना या बेहतर नौकरी पा लेने भर तक सीमित है? नहीं शिक्षा का इरादा केवल यहां तक सीमित नहीं है बल्कि उससे कही ज्यादा है| श्री सिसोदिया ने कहा कि दुनिया का कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का जो सपना देखता है, हमारी नई शिक्षा नीति में जो चीजें 68 पन्नों में कही गई है वो सब बातें, विज़न, शिक्षा को लेकर देखे गए सपने इस गीत में समाहित है| उन्होंने कहा कि ये केवल दिल्ली का शिक्षा गीत नहीं है बल्कि पूरे देश में शिक्षा को लेकर देखे गए सपने को पूरा करने का गीत है| उन्होंने कहा कि एक इंसान अपने जीवन के महत्वपूर्ण 20 साल शिक्षा को देता है लेकिन 20 साल लम्बी शिक्षा देकर हम चाहते क्या हैं? हमारा इरादा क्या है? बच्चा, माता-पिता, समाज और राष्ट्र शिक्षा से चाहते क्या है? ये गीत इन्हीं सवालों का जवाब है| उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिक्षा का इरादा केवल मैथ्स, हिस्ट्री ,इकोनॉमिक्स जैसे विषयों के कॉन्सेप्ट्स समझना मात्र नहीं है बल्कि हमारी शिक्षा का असली मकसद देश को समाज को खड़ा करना है| वरना पढने लिखने के बाद भी कोई जात-पात के आधार पर भेद-भाव करे तो वो पढ़ा ही क्या? जो महिलाओं का सम्मान न करे वो पढ़ा ही क्या?जो इंसान को इंसान न समझे वो पढ़ा ही क्या? उन्होंने कहा कि आज वर्तमान में हम देखते है कि लोग सड़कों पर गुंडई करते है ये देख कर डर लगता है कि हमारे देश को क्या हो गया है? सड़कों पर गुंडई करने वाले ये लोग आम लोगों के घरों में घुस जाते है दुकानों में घुस जाते है| ऐसी पढ़ाई का क्या ही मतलब जहाँ ये लोग पढ़े लिखे लोगों को भी मूर्खों की तरह लडवा देते है| श्री सिसोदिया ने कहा कि इस गीत के माध्यम से संकल्प ऐसा समाज खड़ा करने का है जहाँ लफंगई-गुंडई न हो, कोई महिलाओं का असम्मान न करे, लोग आपस में न लड़े; एक-दुसरे का साथ देकर राष्ट्र के लिए खड़े रहे और ज्ञान-विज्ञान में इतनी तरक्की करें की पूरा विश्व भारत को सलाम करें| उन्होंने कहा कि शिक्षा से जुड़ा हर व्यक्ति इस गीत को जीये-समझे व स्कूलों में हम हर बच्चे को इतनी स्वतंत्रता दे कि वो कुछ गलत होता देखे तो अपने शिक्षक से लेकर किसी अधिकारी से भी सवाल कर सके| यदि हम ये परिवर्तन ला सकें तो ये गीत और इसका मकसद सफल हो जाएगा| इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि “आइए, देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने की बात करें। शिक्षा के माध्यम से देश को आगे ले जाने की बात करें। दिल्ली का ये शिक्षा गीत ज़रूर सुनिएगा।“ लांच के अवसर पर दिल्ली के शिक्षा सचिव एच.राजेश प्रसाद, पूर्व शिक्षा निदेशक व दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ उदित प्रकाश राय, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, नंदिनी महाराज(आई.ए.एस), अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा सहित शिक्षा निदेशालय के उच्चाधिकारी शामिल रहे|






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