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दशकों पहले जब शरद पवार à¤à¤• बड़े नेता के तौर पर उà¤à¤° ही रहे थे, वह कà¥à¤› पतà¥à¤°à¤•ारों को लोनावाला के à¤à¤• बंगले में ले गठथे। कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ पतà¥à¤°à¤•ारों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, वहां पतà¥à¤°à¤•ारों की बढ़िया खातिरदारी की गई। अचà¥à¤›à¤¾ खाना-पीना और संगीत। सब बढ़िया था, बस à¤à¤• चीज को छोड़कर। पवार की जिद के कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जमकर खाने के बाद पहाड़ियों पर पैदल चलना पड़ा था ताकि कैलोरी बरà¥à¤¨ हो सके। पवार à¤à¥€ साथ ही टहल रहे थे, तà¤à¥€ बारिश शà¥à¤°à¥‚ हो गई। किसी के पास छाता नहीं था। पवार समेत सà¤à¥€ उसी बारिश में चलते रहे।
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