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कà¥à¤°à¤†à¤¨ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ का कलाम है , अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने खà¥à¤¦ इसकी हिफाज़त का वादा किया है, साà¥à¥‡ चौदह सौ साल से कà¥à¤°à¤†à¤¨ में à¤à¤• बिनà¥à¤¦à¥€ और à¤à¤• शबà¥à¤¦ का à¤à¥€ परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं हो सका और ना क़यामत तक हो सकेगा। आज अगर हम सही अरà¥à¤¥à¤¾à¤‚ में कà¥à¤°à¤†à¤¨ से अपना रिशà¥à¤¤à¤¾ जोड़ ले तो हम à¤à¥€ उसी तरह महफूज़ हो जायेंगे। कà¥à¤°à¤†à¤¨ और कà¥à¤°à¤†à¤¨ को मानने वाले हमेशा रहेंगे, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की कोई ताक़त हमें नà¥à¤•सान नहीं पहà¥à¤‚चा सकती, अगर नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚चेगा या मौजूदा समय में जहां नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚च रहा है उसकी बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ वजह यही है कि हमने कà¥à¤°à¤†à¤¨ से अपना रिशà¥à¤¤à¤¾ कमज़ोर कर लिया। आज à¤à¥€ अगर हम अपने आपको कà¥à¤°à¤†à¤¨ से जोड़ लें तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने कहा है कि हमने इसको उतारा है और हम ही इसकी हिफाज़त करेंगे, इसलिय अब जो कà¥à¤°à¤†à¤¨ से अपने आपको जोड़ लेगा अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की हिफाज़त का वादा उसके साथ à¤à¥€ हो जायेगा। अगर हम चाहते हैं कि हम, हमारे घर वाले, बीवी, बचà¥à¤šà¥‹, मां-बाप, निकट समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€, कारोबार सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहे तो अपने को कà¥à¤°à¤†à¤¨ और उसकी तालीमात और हà¥à¤•à¥à¤®à¥‹à¤‚ स े जोड़ लें। इन विचारों को मौलाना मà¥à¤¬à¥€à¤¨à¥à¤² हक़ चौक, मकà¥à¤•ू शहीद का à¤à¤Ÿà¥à¤ ा, अखà¥à¤²à¤¾à¥˜ नगर गंगापार समेत अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर तरावही में कà¥à¤°à¤†à¤¨ का दौर मà¥à¤•मà¥à¤®à¤² होने पर मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में तशरीफ लाये जमीअत उलमा उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मौलाना अमीनà¥à¤² हक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ क़ासमी ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि कà¥à¤°à¤†à¤¨ में अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने फरमाया कि दीन ठइसà¥à¤²à¤¾à¤® मà¥à¤•मà¥à¤®à¤² हो गया और अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने बतौर दीन हमारे लिये पसनà¥à¤¦ कर लिया, अब दीन में कोई परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं हो सकता। जब यह बात यहूदियां को मालूम हà¥à¤ˆ तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह तक कहा कि अगर यह कà¥à¤°à¤†à¤¨ हमें मिल जाता तो उस दिन को हम ईद का दिन मिला लेते। कà¥à¤°à¤†à¤¨ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ का कलाम है, यह अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की विशेषता है। जहां अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ के यह बोल बोले जायें यानि जहां कà¥à¤°à¤†à¤¨ की तिलावत की जायेगी वहां शैतान नहीं आ सकता, शैतान नहीं आयेगा तो बे बरकती नहीं होगी, किसी तरह की परेशानी नहीं आयेगी।
मौलाना ने कहा कि कà¥à¤°à¤†à¤¨ हिदायत की किताब है, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में रहकर कैसे ज़िंदगी गà¥à¥›à¤¾à¤°à¤¨à¤¾ है यह हमें कà¥à¤°à¤†à¤¨ में बताया गया है। यह हमारे ऊपर अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¨ है कि अगर हम बग़ैर समà¤à¥‡ à¤à¥€ कà¥à¤°à¤†à¤¨ को पà¥à¥‡à¤‚गे तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ हमें à¤à¤• à¤à¤• शबà¥à¤¦ पर दस नेकियां देने को तैयार हैं , रमज़ान में सतà¥à¤¤à¤° गà¥à¤¨à¤¾, सात सौ गà¥à¤¨à¤¾ और बाक़ी अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ रहमत जितनी चाहे उतने गà¥à¤¨à¥‡ तक सवाब अता फरमाते हैं।
कà¥à¤°à¤†à¤¨ का रमज़ान से विशेष समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है, रमज़ान वह महीना जिसमें अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने कà¥à¤°à¤†à¤¨ उतारा। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में तो कà¥à¤°à¤†à¤¨ थोड़ा-थोड़ा उतरा लेकिन अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने लौहे महफूज़ में इसी महीने की शबे क़दà¥à¤° में नाज़िल किया था। हम रमज़ान की तरावीह में कà¥à¤°à¤†à¤¨ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं, जो लोग साल à¤à¤° कà¥à¤°à¤†à¤¨ पà¥à¤¨à¥‡ का मौक़ा नहीं निकाल पाते वह इस महीने मे 2-3 बार कà¥à¤°à¤†à¤¨ मà¥à¤•मà¥à¤®à¤² कर लेते हैं।
रमज़ान के इस पवितà¥à¤° महीने में सà¥à¤¬à¤¹ शाम अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की रहमतें बारिश की तरह बरस रही हैं, नफिल का सवाब फरà¥à¤œà¤¼ के बराबर, फरà¥à¥› का सवाब सतà¥à¤¤à¤° फरà¥à¥› के बराबर कर दिया गया, रोज़ाना लाखों करोड़ों लोगों की अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ मग़फिरत फरमा रहे हैं। रमज़ान और कà¥à¤°à¤†à¤¨ जैसी अज़ीम नेमत हमें मिली हैं, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के दूसरे लोग इस नेमत से महरूम हैं, यही वजह है कि आज ही नहीं बलà¥à¤•ि हमेशा से सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ हमारे ऊपर नज़रें जमाये बैठी है, इसलिये हमारी यह ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है कि हम इस नेमत की क़दà¥à¤° करें। मौलाना ने लोगों से साल à¤à¤° कà¥à¤°à¤†à¤¨ पà¥à¤¨à¥‡ का वादा लिया। मौलाना ने कहा कि कà¥à¤°à¤†à¤¨ का हक़ है कि इस पर ईमान लाया जाये, इसकी खूब तिलावत की जाये, इसके साथ-साथ उलमा की निगरानी में इसको समठकर इस पर अमल किया जाये, इस अवसर पर तमाम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग मौजूद रहे।
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