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सोमवार को पटना के दरोगा राय पथ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ फूले सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• सà¥à¤¥à¤² के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में महातà¥à¤®à¤¾ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤¬à¤¾ राव फà¥à¤²à¥‡ की जयंती समारोह का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किया गया । समारोह में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में पथ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ बिहार सरकार - नितिन नविन, à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€- डॉ अशोक चौधरी, पà¥à¤°à¥‡à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤°, गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ विकास मंतà¥à¤°à¥€ - शà¥à¤°à¤µà¤¨ कà¥à¤®à¤¾à¤°, कृषि मंतà¥à¤°à¥€- अमरेंदर पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª सिंह को मालाकार कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ समिति ने फूले के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने हेतॠआमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया था लेकिन आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में किसी मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ अथवा मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ नही दी जिससे पूरा का पूरा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® सूना रहा और मायूस आयोजक ने दà¥à¤ƒà¤– पà¥à¤°à¤•ट करते हà¥à¤ कहा कि ये हमारे समिति और हमारे समाज के लिठबहà¥à¤¤ अपमान का विषय है।
वहीं समिति के à¤à¤• बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— वकà¥à¤¤à¤¾ ने बताया कि महातà¥à¤®à¤¾ फà¥à¤²à¥‡ ने नारी समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से लेकर दलित, गरीबों को जीने का ढंग सिखाया। फà¥à¤²à¥‡ के तà¥à¤¯à¤¾à¤— और बलिदान को à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नही जा सकता।
समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° मालाकार ने आज के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मंतà¥à¤°à¥€ अतिथि को नही पहà¥à¤‚चने से बहà¥à¤¤ आहत पà¥à¤°à¤•ट किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आखिर आज à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° हम लोगों के साथ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया जाता है? हमने मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को आमंतà¥à¤°à¤£ दिया, सà¤à¥€ ने आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¥€ दिया कि अवशà¥à¤¯ आयउà¤à¤—ा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में, लेकिन वो नही पहà¥à¤‚च कर हमारे इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के साथ हमारे मालाकार समाज का घोर अपमान किया है।
मालाकार मनोज ने अपनी वेदना को बताते हà¥à¤ कहा कि जिन मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ करने के लिठजिन फूलों के माला की जरूरत होती है आज वही फूल का अवà¥à¤¹à¥‡à¤²à¤¨à¤¾ किया गया। रामनवमी के दिन फूल बेचने वाले पर हारà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग पारà¥à¤• में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लाठी चारà¥à¤œ किया गया और लाखों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का फूल बà¥à¤²à¤¡à¥‹à¤œà¤° से नषà¥à¤Ÿ कर दिया गया। हमारे पूल वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के लिठसरकार ने आज तक मंडी का वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नही किया गया है। हम सरकार से मांग करते हैं कि बाकी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के जैसे ही फूल वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ की à¤à¥€ मंडी का वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कर।
बता दें कि महातà¥à¤®à¤¾ जोतिराव गोविंदराव फà¥à¤²à¥‡ (जनà¥à¤®- 11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1827 मृतà¥à¤¯à¥ - 28 नवमà¥à¤¬à¤° 1990) à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाजसà¥à¤§à¤¾à¤°à¤•, समाज पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤•, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• तथा कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•ारी कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ थे। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महातà¥à¤®à¤¾ फà¥à¤²à¥‡ à¤à¤µà¤‚ ''जोतिबा फà¥à¤²à¥‡ के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है। सितमà¥à¤¬à¤° 1873 में इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में सतà¥à¤¯ शोधक समाज नामक संसà¥à¤¥à¤¾ का गठन किया। महिलाओं व दलितों के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिय इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनेक कारà¥à¤¯ किà¤à¥¤ समाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤—ो को शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के ये पà¥à¤°à¤¬à¤² समथरà¥à¤• थे। वे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ जाति पर आधारित विà¤à¤¾à¤œà¤¨ और à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ थे।
इनका मूल उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को शिकà¥à¤·à¤¾ का अधिकार पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समरà¥à¤¥à¤¨ करना रहा है। फà¥à¤²à¥‡ समाज की कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾, अंधशà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ की जाल से समाज को मà¥à¤•à¥à¤¤ करना चाहते थे। अपना समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन लगा दिà¤à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में (मालाकार) कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ समिति के – मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° (मालाकार) अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· ,बिरेनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ उरà¥à¥ž R. K पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ (सचिव), मदन पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ (संयोजक) पंकज कà¥à¤®à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ मालाकार, पिनà¥à¤Ÿà¥‚ मालाकार, सà¥à¤§à¥€à¤° मालाकार, गीता देवी à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।
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