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शक्ति नगर, कमला नगर, रूप नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर, नेहरू विहार और विश्वविद्यालय समेत कई क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले करीब 70 एमजीडी सीवर को इस नए सयंत्र के जरिए ट्रीट किया जाएगा मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के कुशल नेतृत्व में दिल्ली सरकार यमुना की सफाई की दिशा में निरंतर अथक प्रयास कर रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में दिल्ली के जल मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने आज कोरोनेशन पिलर के पास स्थित एक विशाल अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र की प्रतिदिन 31.80 करोड़ लीटर अपशिष्ट जल का उपचार करने की क्षमता है। जल मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस संयंत्र का उद्घाटन, यमुना नदी की सफाई की दिशा में एक बड़ा प्रभावशाली कदम है। इसके अलावा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने संगम विहार और देवली विधानसभा क्षेत्र के सभी घरों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए 71.51 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने के कार्य की आधारशिला भी रखी। नवनिर्मित कोरोनेशन पिलर वेस्ट-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, कोरोनेशन पिलर ड्रेनेज जोन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट की जरूरतों को पूरा करेगा। शक्ति नगर, कमला नगर, रूप नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर, नेहरू विहार और विश्वविद्यालय के क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट जल का उपचार इस संयंत्र में किया जाएगा। इसके अलावा, स्वरूप नगर, भलस्वा, संत नगर और वजीराबाद ग्रुप ऑफ कॉलोनियों जैसी अनधिकृत कॉलोनियों से उत्पन्न सीवेज का भी अब यहां उपचार किया जा सकेगा। जल मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इन कॉलोनियों से निकलने वाले सीवर को कोरोनेशन पिलर वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित किया जाएगा, जिससे अंततः यमुना नदी की सफाई होगी और इस क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा। वर्तमान में, सीवेज जो सीधे नाले में गिरता है, अब बुराड़ी में उपलब्ध पंपिंग स्टेशन के माध्यम से कोरोनेशन पिलर वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा और यहां उपचारित किया जाएगा। उपचारित अपशिष्ट जल पूरक नाले के माध्यम से यमुना नदी में जाएगा। इसके अलावा, मौजूदा सीवरेज प्रणाली को मजबूत करने के लिए, दिल्ली सरकार ने संगम विहार और देवली विधानसभा क्षेत्र की 20 अनधिकृत कॉलोनियों में 71.51 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया है। क्षेत्र में सीवरेज सिस्टम उपलब्ध नहीं होने के कारण इस क्षेत्र से उत्पन्न सीवरेज को वर्तमान में स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में छोड़ा जा रहा था। इस समस्या पर जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यहाँ मौजूद नाले नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से यमुना नदी में जाता है, जिससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। इस जल-प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए सीवेज को नजदीकी ट्रीटमंट प्लांट में उपचार के लिए इन सीवर लाइनों के माध्यम से भेजा जाएगा।
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