प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकार की सभी नीतियों का प्रेरणा सूत्र रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "आजादी का अमृत काल के लिए हमारे वादों को सभी के प्रयासों से ही पूरा किया जाएगा और हर कोई उस प्रयास को तभी कर पाएगा जब प्रत्येक व्यक्ति, वर्ग और क्षेत्र को विकास का पूरा लाभ मिलेगा।" प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022 ने पीएम आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना और जल जीवन मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार की है। बजट 2022 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राशि आवंटन के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में पीएम आवास योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 80 लाख घरों के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वेबिनार के दौरान, प्रधानमंत्री ने सस्ते आवास को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करके देश भर के छह शहरों में पीएमएवाई (शहरी) के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण के बारे में भी बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अन्य सस्ते आवास की परियोजनाओं के लिए ऐसी निर्माण प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वेबिनार में प्रधानमंत्री के संबोधन का पूरा पाठ पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1800489 प्रधानमंत्री के उद्घाटन भाषण के बाद, बजट कार्यान्वयन की रूपरेखा के बारे में कार्य बिंदुओं को निर्धारित करने पर चर्चा करने और विशेषज्ञों के साथ विचार-मंथन करके रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न आरंभिक सत्र आयोजित किए गए। 'सबके लिए आवास' सत्र के लिए, चर्चा का विषय 'अमृत काल में सबके लिए आवास उपलब्ध कराने' का था, जिसके उप-विषय हैं: i. सस्ते आवास के व्यापक कवरेज को सुगम बनाना, ii. सस्ते आवास की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अन्य योजनाओं, शहरी योजना और बुनियादी ढांचे से संबंधित रणनीतियों के साथ तालमेल iii. सस्ते आवास के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव (शहरी विकास और आवासन) श्री अजय जैन ने किसी व्यक्ति के जीवन में घरों के महत्व पर जोर दिया और यह किस प्रकार एक इंसान के लिए आत्मविश्वास और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने नागरिक और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित योजनाबद्ध, गुणवत्तापूर्ण आवास प्रदान करने के लिए योजनाओं को एक साथ समेकित करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश में पीएमएवाई (यू) की प्रगति, अपनाए गए सर्वोत्तम तौर-तरीकों और मिशन की सफलता के लिए प्रमुख घटकों के बारे में चर्चा की। श्री जैन ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि बजटीय उपाय एक मजबूत और आत्मविश्वास से परिपूर्ण आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगे। सीआरईडीएआई के श्री हर्षवर्धन पटोदिया ने सस्ते आवास के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 'सबके लिए आवास' के सपने को पूरा करने के लिए, सीआरईडीएआई के कई सदस्यों ने देश भर में सस्ते आवास की परियोजनाएं शुरू की हैं। श्री पटोदिया ने कहा, "2015 से, प्रति वर्ष औसतन 2.5 लाख यूनिट की दर से, निजी क्षेत्र ने सस्ते आवास से जुड़े क्षेत्र में 15 लाख से अधिक इकाइयों का निर्माण किया है।" उन्होंने कई समाधानों के बारे में सुझाव दिए, जो लंबे समय में सस्ते आवास के क्षेत्र को थ्रेसहोल्ड सीमा, इनपुट टैक्स क्रेडिट, एमआईजी के लिए सीएलएसएस का विस्तार, किफायती आवास परियोजनाओं के लिए भूमि के लिए वित्तपोषण आदि के संदर्भ में लाभान्वित करेंगे। सीनियर फेलो (सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च) श्री शुभगतो दासगुप्ता ने सस्ते आवास के व्यापक कवरेज को सुविधाजनक बनाने के बारे में अपनी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आवास को न केवल निर्मित आवासीय इकाइयों की संख्या से, बल्कि रहने योग्य आवास के रूप में समझने की आवश्यकता है। उन्होंने पीएमएवाई (यू) के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताया और पर्याप्त, सुलभ एवं सस्ते आवास के व्यापक कवरेज की सुविधा को लेकर पीएमएवाई 2.0 के लिए सुझाव दिए। पीएमएवाई-ग्रामीण की ओर से, राज्य सचिवों और ग्रामीण आवास विशेषज्ञों सहित विभिन्न वक्ताओं और योजना से जुड़े हितधारकों, पीएमएवाईजी के कार्यान्वयन में शामिल लोगों और नागरिक समाज के सदस्यों ने भाग लिया। झारखंड के ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन ने "प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने (झारखंड में पीएमएवाई-जी का प्रभावी कार्यान्वयन)" के बारे में चर्चा की। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के विजिटिंग प्रोफेसर और यूएनडीपी के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. पी. के. दास ने पीएमएवाईजी के तहत रोजगार सृजन, प्रशिक्षण, डिजाइन, लागत, हरित आवास और पर्यावरणीय संबंधी पहलुओं के बारे में बताया। सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एस.के. नेगी ने उत्तर प्रदेश और असम में डेमो हाउस पर चर्चा की। सत्र के माध्यम से भविष्य के नवाचारों और पीएमएवाई-जी के तहत की जाने वाली पहलों के बारे में सफलतापूर्वक जागरूकता पैदा की गई और व्यापक विषय क्षेत्रों पर चर्चा की गई। |
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केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी, संचार तथा रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर अगली पीढ़ी के डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग की जरूरतों को पूरा करने और स्थानीय उद्योगों की तात्कालिक बाधाओं को दूर करने के लिए कल “एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित राष्ट्रीय रणनीति” को जारी करेंगे। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अजय साहनी और तेलंगाना सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री जयेश रंजन इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों साथ शामिल होंगे। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) में डिजिटल प्रक्रियाओं, संचार, इमेजिंग, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के जरिए भारत के विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन से संबंधित परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने की अपार क्षमता है। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा इस रणनीति को जारी किए जाने के बाद नवाचार और अनुसंधान एवं विकास से जुड़े इकोसिस्टम को पीपीपी मोड में प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि इलेक्ट्रानिक्स, फोटोनिक्स, चिकित्सा उपकरण, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशाल घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) ग्रेड सामग्रियों, थ्री - डी प्रिंटर मशीनों और मुद्रित स्वदेशी उत्पादों को विकसित करने हेतु शोध संबंधी ज्ञान के मौजूदा आधार में बदलाव लाया जा सके।
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