चीन के आर्थिक गुलाम बनते जा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ड्रैगन की धमकी से डर गए हैं और उनके इस कदम का उद्देश्य अपने सहयोगी को मनाने के तौर पर देखा जा रहा है।ॉ पिछले साल 13 जुलाई को, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दसू जलविद्युत परियोजना के कार्य स्थल पर ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमले के बाद 10 चीनी नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर थे और 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि वित्त मंत्री शौकत तारिन की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) इन चीनी पीड़ितों को भुगतान की जाने वाली मुआवजे की रकम पर फैसला करेगी, जो 4.6 मिलियन अमरीकी डालर से शुरू होकर 20.3 मिलियन अमरीकी डालर तक होगी। दासू पनबिजली परियोजना के लिए विश्व बैंक पैसा दे रहा है और ये चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के दायरे में नहीं आता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुआवजे के भुगतान का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी अड़चन को दूर करना है।
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