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श्री बिरला ने आतंकवाद के बढ़ते संकट के बारे में बात करते हुए कहा कि आतंकवाद भारत और इज़रायल, दोनों ही देशों के लिए चिंता का विषय है।
नयी दिल्ली- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत और इज़रायल की
साझी रणनीति आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को नई दिशा देगी। श्री बिरला ने आतंकवाद के बढ़ते संकट के बारे में बात करते हुए कहा कि आतंकवाद
भारत और इज़रायल, दोनों ही देशों
के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और इज़रायल जैसे
लोकतांत्रिक देशों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह
भी कहा कि भारत और इज़रायल की साझी रणनीति आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को
नई दिशा देगी।
उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ तथा लोक सभा अध्यक्ष ओम
बिरला के संयुक्त निमंत्रण पर, इज़रायल के
नेसेट (संसद) के अध्यक्ष आमिर ओहाना के नेतृत्व में एक इजरायली संसदीय शिष्टमंडल 31 मार्च यानी
शुक्रवार से चार अप्रैल तक भारत का दौरा कर रहा है ।
इज़राइल के नेसेट (संसद) के अध्यक्ष आमिर ओहाना द्वारा पदभार ग्रहण किए जाने
के बाद स्पीकर के रूप में उनकी यह पहली विदेश यात्रा है।
आज शिष्टमंडल के सदस्यों ने संसद भवन में लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात की।
श्री बिरला ने भारत में शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि इज़रायल और भारत
के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा
कि भारत और इज़राइल, दोनों की मजबूत
लोकतांत्रिक विरासत रही है तथा साथी लोकतंत्र के रूप में दोनों देशों में कई
समानताएं हैं, जिसमें विविध
संस्कृतियों का सम्मान करना, लोकतांत्रिक
मूल्यों का पालन करना तथा लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार काम करना शामिल
है। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और इजरायल के बीच संबंध और
अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।
भारत में बसे यहूदी समुदाय का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारत ने हमेशा
यहूदियों का समर्थन किया है और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यहूदियों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
दोनों संसदों के बीच मजबूत संसदीय संबंधों का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने
नेसेट में भारत के लिए एक संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों संसदों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम
करना चाहिए और तदनुसार सामूहिक चर्चा और संवाद के आधार पर एक कार्य योजना तैयार
करनी चाहिए। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि दोनों संसदों को वैश्विक चुनौतियों से
निपटने और विभिन्न स्थितियों में परस्पर लाभकारी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए
अपने अनुभवों, सर्वोत्तम
प्रथाओं और प्रौद्योगिकी को साझा करना चाहिए।
श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि दोनों देशों के बीच वर्षों से
नियमित रूप से उच्च स्तरीय यात्राएं होती रही हैं जिनसे हमारे द्विपक्षीय संबंधों
में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2017 में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इज़रायल यात्रा और उसके बाद 2018 में इज़राइल के
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के बाद से भारत-इज़राइल संबंध और
मजबूत हुए हैं ।
श्री बिरला ने विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में भारत और इजराइल के तकनीकी
प्रभुत्व की बात करते हुए कहा कि इजराइल कृषि-प्रौद्योगिकी में विश्व में अग्रणी
है। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि दुनिया भर के लोग इजराइल द्वारा की गई
तकनीकी प्रगति का अनुकरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग से
एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं और तकनीकी प्रगति का लाभ उठा सकते हैं।
इजरायली युवाओं के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में भारत की लोकप्रियता के बारे
में बात करते हुए, श्री बिरला ने
कहा कि दोनों देशों के बीच अधिक यात्रा और पर्यटन हो तथा इजरायल से अधिक से अधिक
लोग भारत आएँ ।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत इजरायल के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को
बहुत महत्व देता है और दोनों देश सहयोगी और घनिष्ठ मित्र हैं। उन्होंने कहा कि
परिवर्तनशील वैश्विक परिस्थितियों में भारत-इजरायल संबंधों का महत्व और बढ़ गया
है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दशकों में भारत-इजरायल मित्रता आपसी
सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री आमिर ओहाना ने कहा कि भारत और इजराइल दोनों पुरानी
सभ्यताएं हैं और समय के साथ दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने
भारत में हो रही प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सभी क्षेत्रों में असाधारण
गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और इजरायल के बीच
द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे और दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों से
निपटेंगे।
इस अवसर पर दोनों देशों की संसदों के बीच सहयोग बढ़ाए जाने के एक समझौता ज्ञापन
पर हस्ताक्षर भी किए गए।
शिष्टमंडल के सदस्यों ने राजघाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर
श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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